गोरखपुर : संसार एक सरोवर है मानव गजः संत रमेश भाई शुक्ल
श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कौवाडील गांव में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
दैनिक बुद्ध का संदेश
गोला/गोरखपुर। त्रिकुट पर्वत पर एक विशाल काय गज अपने परिवार के साथ रहता था। गज को अपनी शक्ति पर ज्यादा गुरुर था। एक बार गर्मी के मौसम में त्रिकुट पर्वत पर भीषण गर्मी पड़ रही थी। उसके परिवार के सदस्यों ने कहा कि चलिए कहीं निचे विचरण कर गर्मी शांत कर लिया जाए वह पर्वत से निचे एक सरोवर के तलाश में चलते हैं। तभी उनकों एक तालाब दिखाई दिया। सभी सरोवर का जल ग्रहण करते हैं और उसमे स्नान कर गर्मी से राहत लेते हैं। उसके बाद वह सभी जल में जल क्रीड़ा करने लगते हैं। उक्त कथा गोला क्षेत्र के कौआडील गांव में चल रही संगीतमई श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन ब्यास पीठ पर बैठे कथावाचक रमेश भाई शुक्ल ने भक्त जनों को कथा का रसपान कराते हुए कहीं। आगे उन्होंने कहा कि गज को अपनी शक्ति पर ज्यादा अहंकार था। प्रभू को उसका अहंकार दूर करना था। उसी समय एक मगरमच्छ ने गज का पाव अपने मुख में पकड़ लिया और गहरे जल के तरफ खिचने लगा। गज लाख यत्न किया लेकिन मगरमच्छ के चंगुल से मुक्त नही हो पा रहा था।
और गहरे सरोवर के तरफ खिचा चला जा रहा था। तभी गज को तालाब में एक खिला हुआ कमल दिखाई दिया। गज ने उस कमल के फुल को अपने सुढ़ में दबा लिया और नारायण को ध्यान कर रक्षा करने की गुहार लगाई। तभी भगवान श्री रहि विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से गज की रक्षा की।कथा के अंत में मुख्य यजमान दीनानाथ शर्मा सपत्नीक भागवत भगवान की आरती की। इस दौरान भाजपा नेता अनिल भट्ट मृदुल भट्ट मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ प्रधान नागेंद्र नाथ शर्मा डॉ अवनीश भट्ट दीपक शर्मा, कन्हैया शर्मा, डा इन्द्र मणी भट्ट, सहित भारी संख्या में लोगों ने कथा का रसपान किया।