बलरामपुर : योगी सरकार के सख्त रवैया के बावजूद भी मदरसों में भ्रष्टाचार जारी
दैनिक बुद्ध का संदेश
बलरामपुर। एक तरफ उत्तर प्रदेश योगी सरकार मदरसों में हो रहे बड़े पैमाने पर हो रहे फर्जी वाडे को रोकने के लिए अनेकों तरीके से शिकंजे कस रही है तो वहीं जिले के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व मदरसों के संचालकों प्रधानाचार्य के मिली भगत से शिक्षकों का शोषण व उत्पीड़न जारी है बताते चलें की जनपद के तहसील उतरौला अंतर्गत मामला मदरसा अलजामे अतुल गौसिया अरबी कालेज उतरौला बलरामपुर का है जहां विवादित प्रबंधक अयाज मुस्तफा खां ने जहां अबरार रजा सहायक अध्यापक आलिया की सेवा समाप्त माह जुलाई 2023 में कर दी थी जिसका मामला रजिस्ट्रार मदरसा बोर्ड ने दिनांक 09.11.2023 को दोनो पक्षों को सुनने के बाद प्रबंधक द्वारा की गई कार्यवाही को नियमविरूध मानते हुए अमान्य एवं विधिशून्य कर दिया है तथा अबरार रजा की सेवा को बहाल कर दिया है जिसके बाद जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बलरामपुर ने कई पत्रों के माध्यम से अध्यापक का वेतन बिल प्रस्तुत करने एवं ज्वाइनिंग कराने का निर्देश मदरसा प्रधानाचार्य को दिया किन्तु पालन न करने पर मदरसे के नियमावली में दी गई 12 (5) (एकल संचालन) की व्यवस्था लागू कर दी है।
इसके बावजूद अबरार रजा को मदरसा प्रधानाचार्य द्वारा न तो ज्वाइनिंग कराया गया और न ही वेतन बिल प्रस्तुत किया गया उपरोक्त मामले को लेकर शिक्षा इबारर राजा ने दिनांक 21,2,2024 को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पत्र जिसमें दो दिवस के अंदर उक्त शिक्षक के वेतन बिल को प्रस्तुत करने का निर्देश था उपरोक्त मामले में मदरसा प्रधानाचार्य ने शिक्षक इबरर रजा से 9 माह के कुल बकाया वेतन का आधा रुपया नगद देने पर ही वेतन बिल देने की बात कही साथ ही यह भी कहा उपरोक्त पैसा विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को देना पड़ेगा ऐसे में मदरसा प्रधानाचार्य द्वारा शिक्षक को तरह-तरह से उत्पीड़ित कर रहा है इस प्रकार प्रधानाचार्य हठधर्मिता पर आमादा है कि विभागीय आदेशों को ठेंगा दिखा रहा है और विभागीय अधिकारी भी उसपर निरंकुश दिख रहे हैं। संवादाता से दूरभाष पर हुई वार्ता में प्रधानाचार्य ने कहा यह ज्वाइनिंग का अधिकार प्रबंधक को है और मै लिखित जवाब अधिकारी को दे दूंगा। इस संदर्भ में जब जिले के अल्पसंख्यक अधिकारी से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया अभी हम मीटिंग में है इस तरह अल्पसंख्यक अधिकारी व प्रधानाचार्य के मिलीभगत से शिक्षक का न केवल उत्पीड़न किया जा रहा है बल्कि मानसिक रूप से यातना दी जा रही है।