रामपुर : राजनैतिक दलों के इशारे पर हो रहा है हिंसक आंदोलन- शंखधार
दैनिक बुद्ध का संदेश
मिलक/रामपुर। भारतीय किसान संघ रामपुर के जिला अध्यक्ष आदेश शंखधार ने कहा है कि दिल्ली बॉर्डर पर केवल पंजाब और हरियाणा कुछ किसान कुछ राजनैतिक दलों के विशेष सहयोग से हिंसक आंदोलन करके किसानों को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं। जबकि देश के वास्तविक किसान अपने खेतों में कार्य करने में व्यस्त हैं और वह सरकार के कार्यों से काफ़ी हद तक सन्तुष्ट हैं। भारतीय किसान संघ की स्थापना 04 मार्च 1979 को कोटा राजस्थान में की गई थी तभी से मांग रही है कि किसानों को उनकी फसल में लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य प्राप्त हो तभी किसान का भला हो पाना संभव है। वर्तमान समय में बाज़ार में गेहूं का भाव लगभग पच्चीस सौ रुपए प्रति कुंतल है जबकि सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य केवल 2275 रुपए प्रति कुंतल घोषित किया गया है।
किसान इससे खुश नहीं हैं। भारतीय किसान संघ की मांग है कि सरकार गेंहू की ख़रीद पर किसानों को पांच सौ रुपए प्रति कुंतल के हिसाब से बोनस के रूप में दिया जाना चाहिए। जिससे कि किसानों को कुछ लाभ हो सके। देश का सच्चा किसान कभी भी हिंसा नहीं कर सकता है आज जिस प्रकार का आंदोलन देखने को मिल रहा है वह आंदोलन किसानों का तो नहीं लगता है अवश्य ही इसके पीछे कुछ राजनैतिक दलों का हाथ है जो देश के अन्नदाता के कंधे का सहारा लेकर अपनी राजनीति कर रहे हैं। इसलिए किसी भी दशा में भारतीय किसान संघ हिंसक आंदोलन का समर्थन नहीं करता है और किसानों से ऐसे आंदोलन से दूर रहने की अपील करता है। अगर देश में इस प्रकार के आंदोलन होंगे तो उसका नुकसान किसान को ही होगा।