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बहराइच : भारतीय किसान यूनियन टिकैत ग्रुप बहराइच के जिला अध्यक्ष रामकुमार वर्मा ने किसानों की मांगों को लेकर अपने विचार किए व्यक्त

दैनिक बुद्ध का सन्देश
पयागपुर बहराइच | देशभर में किसान अपनी मांग को लेकर धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन कर रहे हैं | कृषि प्रधान देश होने के नाते किसान अपने हितों के खातिर लड़ाई लड़ रहे हैं | भारत का किसान अपनी उपज का सही मूल्य न पाने के कारण दिनों दिन गरीब होता जा रहा है | एमएसपी के समर्थन में अनेकों किसान के संगठन किसानों की समस्याओं को लेकर आंदोलन रत हैं | इसी के तहत बहराइच जिले के किसान यूनियन टिकैत ग्रुप के जिला अध्यक्ष रामकुमार वर्मा किसानों की समस्याओं को लेकर बहुत ही गंभीर हैं और इनकी पुरजोर कोशिश है कि किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार कोई सकारात्मक कदम उठाए |  इन्होंने एमएसपी और गन्ना वृद्धि तथा किसान आयोग के गठन के बारे में अपना विचार चेतरा स्थित किसान यूनियन टिकैत कार्यालय में बैठकर रखा:- 
1-इस देश का किसान पालनहार है देश में चल रहे उद्योगों को कच्चा माल देने वाला किसान ही है|
2- देश में जितने भी दलाल हैं किसानों से कच्चा माल लेकर उद्योगपतियों को देने वाले दो करोड़ की गाड़ी में घूम रहे हैं एक प्रतिशत शुल्क लेकर |  इस देश में जो किसान 99% का काम करता हो तो क्या वह एयकंडिशनिंग कार से नहीं चल सकता है |
3 :- सात साल में भारत सरकार ने 20 पैसा प्रति किलो गन्ने के रेट में वृद्धि किया जबकि गन्ने को तैयार करने में भारी लागत लग रही है जिसमें मजदूरी सात साल पहले ₹30 प्रति कुंतल गन्ने की छिलाई थी और अब वह ₹70 प्रति कुंतल हो गई |  डीएपी का भाव भी ₹900 से ₹1500 हो गया तथा कीटनाशक दवाओं में भी 90% की वृद्धि हुई है |
4:- देश में एमएसपी कहने मात्र भर का है किसानों को नहीं मिल रही है | जब ₹2175 में धान का एमएसपी दिया गया तो वह बाजार में केवल ₹1700 में ही बिका |
5 :- फसल का उचित मूल्य भी मिले और किसान आयोग का गठन भी किया जाए |
76 साल आजादी के हो गए देश को लेकिन आज तक कृषि प्रधान देश भारत होते हुए भी भारत में किसान आयोग का गठन नहीं किया गया | किसानों की मांग है कि एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनाया जाए जो देश में लागू किया जाए जिससे न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बाजार में खरीदारी ना हो सके |

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