शोहरतगढ़ : बाबा साहब ने हमेशा कमजोर और पिछड़ें वर्ग के अधिकारों के लिए किया है काम- रवि अग्रवाल
दैनिक बुद्ध का सन्देश
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ़ के विभिन्न स्थानों पर हर्षाेल्लास के साथ डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की 132वीं जयंती मनायी जा रही है और उन्हें याद किया जा रहा है, क्योंकि आंबेडकर जयंती को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
वहीं इस जयंती को मनाने के पीछे एक वजह और भी है, कि डा.भीमराव आंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा था, जो जाति और धर्म की परवाह न करते हुए सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। इसी अनुक्रम में समाजसेवी रवि अग्रवाल के बाणगंगा रोड स्थित चुनावी कैम्प कार्यालय पर हर्षाेल्लास के साथ बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर जी की जयन्ती मनाई। कार्यक्रम में आये लोगों ने बाबा साहेब के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर उन्हे याद किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कैलास नाथ बौद्ध ने कहा कि पूरे विश्व में हर्षाेल्लास के साथ बाबा साहेब की जयन्ती बनाई जा रही है। बाबा साहब ने एक नहीं सभी के लिये लडाई लड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि समानता और ज्ञान का प्रतीक माने जाते हैं डॉ. आंबेडकर- जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले डॉ. आंबेडकर को समानता और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल वहीं माता का नाम भीमाबाई था। महार जाति के होने की वजह से डॉ. अंबेडकर को बचपन से ही भेदभाव का सामना करना पड़ा। यही वजह भी है कि अब इस जयंती को जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने के रूप में भी मनाया जाता है। इसके साथ ही रवि अग्रवाल ने कहा कि बाबा साहब देश के ऐसे एक शख्स थे, जिनकी तुलना किसी और से नहीं की जा सकती क्योंकि उन्होंने भारत की आजादी के बाद देश के संविधान के निर्माण में योगदान दिया है। इसके साथ ही हमेशा से कमजोर और पिछड़ें वर्ग के अधिकारों के लिए काम किया है। जाति-व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई और दलित समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। यही नहीं बाबा साहब शिक्षा के जरिए समाज के दबे, शोषित, कमजोर, मजदूर और महिला वर्ग को सशक्त बनाना चाहते थे और उनको समाज में एक बेहतर दर्जा दिलाना चाहते थे। उनके विचारों से लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए उनका कहना है कि आधा रोटी कम खायें लेकिन बच्चों को पढ़ायें। इसके साथ ही सिद्धार्थ गौतम ने कहा कि बाबा साहेब के विचार हम सभी को शिक्षित और संगठित रहने की प्रेरणा देते है और सभी समाज को एक डोर में बाधने का कार्य करते है। कार्यक्रम के अन्त में लोगों को मिठाईयां भी वितरित की गई। इस दौरान आशीष राव, शनि कन्नौजिया, विकास अग्रवाल, संजय कौशल, सुरेश कसौधन, मनीष श्रीवास्तव, प्रविन्द कुमार गौतम, विक्रान्त सिंह, शिवपूजन वर्मा भोलेनाथ, मेजर सिंह चौहान, रोहित सोनकर, श्रवण पटवा, राजेन्द्र भारती, निराला मौर्या, अजय वर्मा आदि लोग मौजूद रहे।