घोरावल,सोनभद्र : सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है
दैनिक बुद्ध का सन्देश
घोरावल,सोनभद्र। केवटा गांव में आयोजित शिवमहापुराण महायज्ञ में कथा व प्रवचन सुनने एवं यज्ञ मंडप की परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
व्यासपीठ से काशी धर्म पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ महाराज के भगवान शिव एवं माता जगदंबा की पावन कथा सुनाते हुए भावपूर्ण वर्णन व विश्लेषण किया।उन्होंने कहा कि संसार की प्रत्येक वस्तु में, कण कण में ईश्वर का वास है,परमात्मा ही परम सत्य है। जब हमारी वृत्ति परमात्मा में लगेगी तो संसार की नश्वरता का आभास होता है। प्रश्न यह है कि परमात्मा संसार में घुले-मिले हैं तो संसार का नाश होने पर भी परमात्मा का नाश क्यों नहीं होता। इसका उत्तर यही है कि भगवान संसार से जुड़े भी हैं और अलग भी हैं। आकाश में बादल रहता है और बादल के अंदर भी आकाश तत्व है। बादल के गायब होने पर भी आकाश गायब नहीं होता। इसी तरह संसार गायब होने पर भी परमात्मा गायब नहीं होते। संसार की कोई भी वस्तु भगवान से अलग नहीं है।प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है। कथा के पूर्व महाराज श्री का पादुका पूजन कार्यक्रम किया गया।इस अवसर पर अरुण कुमार दुबे, अशोक अग्रहरी, संदीप, गजेंद्र प्रताप सिंह, देवचरण सिंह यादव, विपिन बिहारी उमर, अनूप प्रधान, संदीप सेठ, संगम कुमार, विद्या प्रसाद दुबे, विनोद तिवारी, यज्ञ नारायण पांडेय, अनुराग सिंह, अनिल कुमार दुबे, देवेश गोयल, हिमांशु सिंह, सूर्यकांत दुबे निराला, अंशु सिंह, राम आशीष दुबे, पुंडरिक पांडेय इत्यादि रहे।