सोनभद्र: कोल जाति को जनजाति समुदाय के बतौर वनाधिकार में मिले सुविधाएं- आइपीएफ
कर्सर...................सीएम को भेजा ज्ञापन
दैनिक बुद्ध का संदेश
सोनभद्र। कोल समुदाय को आदिवासी की मान्यता तो है लेकिन आज तक इन्हें जनजाति का दर्जा देने के लिए संवैधानिक प्रावधान नहीं किया गया। जिससे गैर आदिवासियों के लिए तीन पीढ़ी के साक्ष्य पेश करने के प्रावधान की वजह से वनाधिकार कानून के लाभ से वंचित हो रहे हैं। इस संबंध में मंगलवार को घोरावल तहसील मुख्यालय में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी घोरावल को सौंप कर कार्यवाही की मांग की गई।
जिससे वनाधिकार का लाभ कोल जाति को मिल सके। जो पुश्तैनी तौर पर जंगल की जमीनों पर बसे हैं, और उनकी आजीविका का प्रमुख स्त्रोत है। इस दौरान मौजूद आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के प्रदेश संगठन महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि आंदोलन के बाद 2003 में गोंड, खरवार आदि आदिवासी समाज को जनजाति का दर्जा प्राप्त हुआ, लेकिन कोल अभी भी इससे वंचित है। जिससे वनाधिकार कानून समेत तमाम सुविधाओं व संवैधानिक अधिकारों से कोल समाज के लोग वंचित हैं। बताया कि 2013 में उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति व जनजाति शोध व प्रशिक्षण संस्थान उत्तर प्रदेश की जांच में भी कोल को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की संस्तुति की गई। जिसके आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी 2013 व 2018 में भारत सरकार के जनजाति कल्याण मंत्रालय को कोल को जनजाति का दर्जा देने की संस्तुति की थी। इस सम्बन्ध में आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) ने भी कई पत्रक प्रधानमंत्री, भारत सरकार के जनजाति कल्याण मंत्रालय को भेजे हैं। उन्होंने बताया कि वनाधिकार कानून में आदिवासियों के लिए विशेष प्रावधान है कि जो 2005 में जंगल की जमीनों को जोत कोड़ रहे थे अथवा बसे थे ऐसी जमीनों पर वह पट्टा के हकदार हैं। पत्रक में अनुरोध किया गया कि कोल आदिवासी को जनजाति का दर्जा दिलाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। साथ ही विशेष प्रावधान कर आदिवासी समुदाय में शामिल कोल जाति को सर्वे प्रक्रिया में 75 साल काबिज होने के साक्ष्य देने से छूट प्रदान की जाये। और अन्य परम्परागत वन निवासियों को भी वनाधिकार कानून के तहत पुश्तैनी वन भूमि पर अधिकार दिलाने का निर्देश देने का कष्ट करे। कार्यक्रम में तहसील प्रवक्ता श्रीकांत सिंह, मजदूर किसान मंच के तहसील संयोजक सदानंद कोल, सेवालाल कोल, संत लाल बैगा, लक्ष्मण कोल, कैलाश चौहान, गुलाब कोल, युसुफ, मुनीब, सुभाष भारती, राजनारायण कोल आदि ने अपने विचार रखे। इस आशय की जानकारी श्रीकांत सिंह तहसील प्रवक्ता आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट, घोरावल, सोनभद्र ने दिया।