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मानस पाठ का आठवा दिन, हुआ रावण बध, लगे जय श्री राम के नारे, सोनभद्र

मानस पाठ के आठवें दिन हुआ रावण वध, जय श्रीराम के जयकारों से गुंजायमान हो गया पूरा पंडाल - मानस पाठ के आठवें दिन श्रद्धालुओं की रही भारी भीड़ - दशानन के प्रतीक चिन्ह में फोड़े गए 10 नारियल - मानस पाठ की शुरुआत करपात्री जी महाराज ने की थी- सत्यपाल जैन । नगर के आरटीएस क्लब मैदान में चल रहे हैं श्री रामचरितमानस नवाह पाठ महायज्ञ के आठवें दिन श्री राम दरबार का भव्यता के साथ श्रृंगार किया गया इसके पश्चात मुख्य व्यास श्री सूर्य लाल मिश्र एवं भूदेव ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और यहां से ही आठवें दिन की पाठ की शुरुआत हुई जिसमें रावण वध का प्रसंग हुआ। मुख्य आचार्य श्री सूर्यलाल मिश्र के मुखारविंद से जैसे ही याद दोहा प्रसारित हुआ - खैची सरासन श्रवन लगी छाडेड़ सर एकतीस । रघुनायक सायक चले मानहूब काल फ़ीस ।। भगवान श्री राम कान तक धनुष को खींचकर 31 बाण छोड़े वह बाण ऐसे चले मानो कालसर्प हो और इन बाणो ने दशानन के नाभि के अमृत कुंड को सोख और वह पृथ्वी पर गिर पड़ा। देखकर देवताओं, मुनियों, किन्नरों गंधर्वों के समूह भगवान श्री राम के ऊपर फूल बरसाने लगे कहते हैं कृपालु की जय हो, मुकुल की जय हो जय हो। इस भव्य मनोरम दृश्य को देखकर मानस पंडाल में उपस्थित भक्तजनों ने भगवान श्री राम की जय हो का गगनभेदी उद्घोष किया और इस अवसर पर पटाखे छोड़े गए, भगवान श्रीराम की भव्य झांकी का दर्शन कर भक्तो आध्यात्मिक आनंद उठाया इस आनंदमई बेला में भगवान श्री राम पर पुष्पों की वर्षा की गई। इसके पूर्व लंकापति रावण ने उपस्थित भूदेव की परिक्रमा किया और राम रावण संवाद बड़े ही रोचक ढंग से संपन्न हुआ। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष सत्यपाल जैन एवं महामंत्री सुशील पाठक ने संयुक्त रूप से बताया कि 1973 से लगातार चला आ रहा है यहां महायज्ञ धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज के कर कमलों रॉबर्ट्सगंज नगर के आरटीएस क्लब मैदान में नवाह पाठ का शुभारंभ करने वाले आचार्य श्री श्री शिव नारायण व्यास द्वारा किया गया था इस कार्यक्रम का प्रथम आयोजन काशी के ज्ञानवापी में हुआ था और रॉबर्ट्सगंज नगर में यह दूसरा कार्यक्रम था। 1973 में इस महायज्ञ की नींव रखने वाले जय राम लाल श्रीवास्तव, विश्वनाथ प्रसाद केडिया, श्यामसुंदर जालान, श्यामसुंदर झुनझुनवाला, रामा सेठ, नारायणदास केसरी, प्यारे शाव, जगत सेठ, राधे श्याम गोविंद, राम ओझा, अमरनाथ शुक्ला आदि लोगों के सहयोग से रहा और यहां अनवरत आज तक चलता आ रहा है। उन्होंने कहा कि नवाह पाठ महायज्ञ के मंच पर भारत के चारों पीठों के शंकराचार्य, मानस मर्मज्ञ सुप्रसिद्ध संत तथा काशी नरेश स्वर्गीय विभूति नारायण सिंह सहित देश के ख्याति लब्ध हस्तियां मंच पर पधार चुकी है। वही एक दिन पूर्व रात्रि प्रवचन के प्रथम सत्र में कथावाचक हेमंत त्रिपाठी ने हनुमान जी की भगवान राम से मिलन की एवं कथा के द्वितीय सत्र में बाल गोविंद शास्त्री ने राम सुग्रीव की मित्रता तथा प्रवचन की तृतीय सत्र में जौनपुर से पधारे प्रकाश चंद्र विद्यार्थी ने अशोक वाटिका में सीता जी द्वारा अग्नि माने जाने पर हनुमान द्वारा श्री राम की दी हुई अंगूठी के देने की कथा को सुनाया गया। मंच संचालन संतोष कुमार द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर सदर विधायक भूपेश चौबे, पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार, समिति के अध्यक्ष सत्यपाल जैन, महामंत्री सुशील पाठक, राकेश त्रिपाठी, यजमान अजय शुक्ला, जितेंद्र श्रीवास्तव प्रवीण सिंह, इंद्रदेव सिंह, लवकुश केसरी, मिठाई लाल सोनी, मनु पांडे, महेश दुबे, हर्षवर्धन, चंदन चौबे, मनीष केडिया सहित भारी संख्या में श्रद्धालु गण उपस्थित रहे।

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