सिद्धार्थनगर : बना गाँव, मेरा नगर धीरे-धीरे- नियाज़ कपिलवस्तुवी
कर्सर................. खुनियांव में राष्ट्रीय मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन
दैनिक बुद्ध का सन्देश
खुनियांव,सिद्धार्थनगर। एक शाम सर सैय्यद के नाम के तहत खुनियांव ब्लाक के रेहरा उर्फ भैसाही गांव में राष्ट्रीय मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम में देश प्रदेश के मशहूर शायर, शायरात एवं कवि व कवयित्रियों ने शिरकत कर समां बांध दिया। कविसम्मेलन, मुशायरे का आगाज शायर असद बस्तवी की नाते पाक से हुआ। वरिष्ठ कवि डाक्टर ज्ञानेंद्र द्विवेदी दीपक ने ऐ अब्र हमें तू बार बार सैलाब की धमकी देता है, हम तो दरिया की छाती पर तरबूज की खेती करते हैं, सुनाकर बुद्ध भूमि की महिमा का बखान किया। मशहूर शायर नियाज़ कपिलवस्तुवी ने अपनी रचना बना गाँव मेरा नगर धीरे-धीरे, बहुत कुछ है बदला मगर धीरे-धीरे पेश कर बढ़ते शहरीकरण में गांवों की खोती पहचान का दर्द बखूबी बयान किया। कवयित्री गुले सबा फतेहपुरी ने युवाओं की फरमाइश पर मधुर स्वर में अवधी गीत प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरीं। हास्य कवि विकास बौखल ने अपनी चुटकियों से लोगों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया. वरिष्ठ रचनाकार ब्रह्मदेव शास्त्री पंकज सहित शायर वसीम मजहर, मैकश आजमी आदि की रचनाएँ भी खूब सराही गयीं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में खण्ड विकास अधिकारी धनंजय सिंह रहे व विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व सांसद हाजी मोहम्मद मुकीम शामिल रहे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि धनंजय सिंह ने कहा कि सर सैय्यद अहमद खान एक ऐसी शख्सियत रहे जिन्होंने न सिर्फ़ हिंदुस्तान को बल्कि पूरी दुनिया में उर्दू अदब का परचम लहराया, शुक्रवार को उन्हीं के नाम से यह कार्यक्रम हो रहा है, शिक्षा जगत में उनका नाम सदैव लिया जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक शाहिद सिराज ने शिक्षित समाज के निर्माण में सर सैयद अहमद खान के अप्रतिम योगदान को सराहते हुए लोगों से अपने बच्चों को शिक्षित करने का अनुरोध किया। हाजी मोहम्मद मुकीम साहब ने आए हुए समस्त मेहमानों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया, और सर सैय्यद अहमद खान के जीवनी पर प्रकाश डाला। सर सैय्यद अहमद खान के नाम से किए गए मुशायरे एवं कवि सम्मेलन में गंगा जमुनी तहजीब पर विशेष जोर दिया गया। मशहूर शायरा चांदनी शबनम ने अपने दर्शकों को इश्किया शायरी और नज़्म पढ़कर रात की ख़ूबसूरत चांदनी में चार चांद लगा दिया उन्होंने अपनी शायरी के दौरान नवजवानों की फरमाइश पर एक से बढ़कर एक सुरीली रचनाएँ प्रस्तुत की। शायर वसीम मजहर,असद बस्तवी , अकमल बलरामपुरी, राम प्रकाश गौतम, जमाल कुद्दूसी, नूर अली नूर, आदि शायर, शायरात एवं कवियों ने अपनी नई नई एवं खूबसूरत पंक्तियां पढ़कर दर्शकों को रातभर कविता एवं शायरी के विभिन्न रसों में सराबोर कराया। इस मौक़े पर अब्दुल रऊफ चौधरी, अफ़रोज़ सिद्दीकी, नादिर सलाम, अखिलेश मौर्या, महबूब आलम मनिहार, इसरार अहमद फारुकी, डॉ अख्लाक हुसैन, मुस्तफा खा, मेराज मुस्तफा, राम सहाय, कमरुल चौधरी, राम कुमार विश्वकर्मा, रिंकू चौधरी, अजय प्रताप, मलिक फजले रब, मैनुद्दीन ख़ां, शाहिद हुसैन, अय्याज अहमद, इंजीनियर आशिफ शाहिद, अहमद हुसैन, डॉ. मो हुसैन इंजीनियर मुजीब खान, इलियास चौधरी आदि भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।