सिद्धार्थनगर : लोगों की बड़ी बेचौनियां, सीटों के आरक्षण की राह देख रहे है दावेदार
कर्सर............. आरक्षण तय न होने से निरतंर बढ़ रही भाजपा के दावेदारों की फौज-सीटों के आरक्षण को लेकर अटकलों एवं अफवाहों का बाजार गर्म
राजेश शर्मा/दैनिक बुद्ध का संदेश
सिद्धार्थनगर। इस समय जनपद के सभी नगर निकायों में लोगों की बेचौनियां लगातार बढ़ती जा रही हैं आरक्षण को लेकर जहां दावेदार असमंजस में पड़े हुए हैं तो उनके समर्थक भी अब कुछ थके थके से नजर आ रहे हैं आपको बता दें कि निकाय चुनाव को लेकर जिले की विभिन्न नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में सियासत अपने उफान पर है, मगर दावेदारों के मन में सीटों के आरक्षण को लेकर संशय बना हुआ है। 18 नवम्बर के पहले जारी होने वाली आरक्षण सूची अभी तक जारी नहीं हो पायी है।
इसकी टकटकी में दावेदारों की रातों की नींद और दिन का आराम गायब हो गया। हालांकि दावेदार अपने जनसम्पर्क अभियान में जुटे हुए है और उनके समर्थक विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी चुनावी बयार को अपने पक्ष में करने के लिए दावेदार पूरी तरह से सक्रिय हो गये है। इससे शहर में सियासत पूरी तरह गर्म हो गयी है। मालूम हो कि अभी निकाय चुनाव को लेकर कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है, मगर शहर में इसकी सियासत अपने चरम पर पहुंचने लगी है। टिकटर्थियों की सर्वाधिक संख्या भाजपा में दिखायी दे रही है। टिकट की इस रेस में दो पूर्व अध्यक्षों के शामिल होने से चुनावी बयार तेज वोट दो. हो गयी है। वर्तमान नपाध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल के साथ पूर्व नपाध्यक्ष एसपी अग्रवाल एवं पूर्व नपाध्यक्ष स्व. घनश्याम जायसवाल के पुत्र संजीव जायसवाल द्वारा टिकट के लिए कसरत किया जा रहा है। इसके अलावा निवर्तमान ब्लाक प्रमुख प्रतिनधि राजू सिंह, लाल आनंद प्रकाश बबलू, मणिकांत शुक्ला, राकेश दत्त त्रिपाठी ,विपुल द्विवेदी समेत कई अन्य भी. भाजपा प्रत्याशी होने का दावा कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब गुडडू त्रिपाठी का नाम भी जुड़ गया है। शहर में इन दावेदारों के बीच पोस्टरवार तो चल ही रहा है साथ ही साथ ये सभी दावेदार और उनके समर्थक सोशल मीडिया पर भी खूब एक्टिव हो गये है। पर्व पर अधिकांश दावेदार सोशल मीडिया प्लेटफार्मोंों का उपयोग करते दिखायी दिए । दिनभर अपने द्वारा किये गये जनसम्पर्क एवं नामी गिरामी लोगों के साथ ली गयी तस्वीर को शाम होते ही फेसबुक, वाटसअप एवं इन्टाग्राम पर शेयर किया जा रहा है। यह क्रम एक दिन नहीं, बल्कि दावेदारों की रोजाना की दिनचर्या में शामिल है। दावेदारों पटाने में जुट गये हैं। द्वारा इन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर नागरिकों से अपने लिए समर्थन भी मांगा जा रहा है। बताया जाता है कि टिकट के लिए लगी लंबी कतार से प्रत्याशी घोषणा के बाद भाजपा में बगावत की संभावना भी प्रबल हो गयी है। यह तो तय है कि टिकट किसी एक को ही मिलेगा। अन्य के हाथ सिर्फ निराशा ही लगेगी। अब सवाल यह है कि जो दावेदार काफी समय से जनता में अपनी पैठ बनाने का प्रयास कर रहा है क्या वह टिकट न मिलने की दशा में चुनावी मैदान से हट जायेगा ? ऐसा होने की संभावना काफी कम है। जाहिर है कि अन्य दावेदार भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ उतर जायेंगे। इसका खामियाजा भाजपा के प्रत्याशी को भारी पड़ सकता है। हाल में ही सदर नपा का अध्यक्ष पद आरक्षित हो जाने की अफवाह उड़ने से सामान्य वर्ग के दावेदारों में निराशा फैल गयी है।