बलरामपुर : बाल पुष्टाहार घोटाले के पकडे जाने पर जिम्मेदारों में हड़कम्प
कर्सर..............भ्रष्टाचार की पुष्टि के लिए ग्राम प्रधान को दी गई नोटिस
दैनिक बुद्ध का संदेश
तुलसीपुर/बलरामपुर। वैसे तो विभाग कार्याे के पारदर्शिता के तमाम दावे कर रहा है कि कार्यकुशलता में कोई लापरवाही व भ्रष्टाचार की कोई जगह नही है। लेकिन धरातल पर इसकी हकीकत कुछ और बया कर रही है जहां पर बाल विकास विभाग में व्यापत भृष्टाचार जबरदस्त तरीके से होते देखा जरहा है। जहां पर बाल पुष्टाहार खाद्याना पर कुपोषित बच्चों और धात्री महिलाओं का हक है और सरकार की मंशा भी है कि विभागों को खाद्यान वितरण आंगन बाड़ी केंद्रों के द्वारा संचालित है लेकिन गरीबों को उनका हक नही पहुंचता और विभागीय बंदर बांट के भेंट चढ़ जाता है।
अभी ताजा मामला जनपद बलरामपुर के तुलसीपुर विकासखंड के लाल नगर सिपहिया आंगनवाड़ी केंद्र का है जहां से आंगनवाड़ी कार्यकत्री रश्मि पांडे द्वारा रिक्शे पर लाद कर काला बाजारी हेतु बाजार लाया जरहा था जिसकी सूचना स्थानीय ग्रामीणों के मिलने पर उन्होंने रिक्शे का पीछा किया और साथ ही मीडिया कर्मी को सूचना दी जिसके चलते तुलसीपुर रेलवे परिसर में आंगनवाड़ी कार्यकत्री खाद्यान सहित रिक्शा छोड़ अपने सहयोगियों संग फरार होगायी जिसकी सूचना पुलिस और विभागीय अधिकारियों को दी गई जिस पर विभागीय अधकारियों ने मॉल ग्रामप्रधान के सिपुर्द किया की पुनः बटवाया जायेगा और एक शपथ पत्र प्रधान से प्राप्त का लिया गया लेकिन अधिकारियों को मनसा कुछ और नजर आही है जिसके चलते प्रधान पर भ्रष्टाचार की सूचना देने और पकड़वाने को लेकर एक नोटिस जारी किया गया है जिसमे ये कहा गया है कि आप घटना होने की पुष्टि करते हुए विभाग को लिखित बयान दें जिससे भर्ष्टाचार करने वाले आंगनवाड़ी कार्यकत्री पर कारवाही की जा सके जबकि काला बाजारी की गाड़ी और मॉल बरामद होने पर विभाग स्वतः संज्ञान लेकर कारवाही करनी चाहिए लेकिन ऐसा न करके भ्रष्टाचार को अंकुश को लेकर ग्रामीणों ने मॉल बरामद करवाने पर विभागीय पोल खुलने के डर से ग्रामीणों को भयभीत करने के लिए ये खेल खेला जरहा है की दोबारा भृष्टाचार की सूचना या रोकने के हिम्मत कोई न करे जबकि सूत्रों से पता चला है कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री को बचाने के लिए प्रधान लाल नगर पर विभागीय व राजनीतिक दबाव बनाया जारहा है जिससे कारवाही न हो। इस सम्बंध में अधिकारियों ने गाव में जा कर वितरण का हाल जाना और ग्रामवासियो से बात करने पर 6 महीने में वितरण की बात आई जबकि सीडीपीओ तुलसीपुर का फोन नही लगा जिससे उनका पक्ष नही मिल सका।