बाराबंकी : कथा व्यास राम हेतु रसिया गायकी के माध्यम से जिले के लोगों के दिलों पर किया राज
दैनिक बुद्ध का संदेश
बाराबंकी। तहसील नवाबगंज के अंतर्गत ग्राम गुरेला जकरिया में चल रही कथावाचक रामहेत रसिया के द्वारा पांच दिवसीय भागवत कथा ने गुरेला ग्राम वासियों का मन मोह लिया बताते चलें की वर्तमान में बाराबंकी जिले के लोगों को कथावाचक रामहेतु रसिया की लोकप्रियता बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। राम हेतु रसिया के मुखारविंद से कहीं गई कथा लोगों के मन को मोह लेती है यदि इनके द्वारा सत्संग किसी भी क्षेत्र में चल रहा हो तो महिला, बच्चे, बुजुर्ग, जवान, माताएं, बहनें सभी लोगों का हुजूम लग जाता है और कथा शुरुआत होने का इंतजार करते रहते हैं। और कथा सुनने के लिए आतुर रहते हैं।
लोग घर का कामकाज छोड़कर भगवान की अमृतमई कथा को सूनकर भगवान के चरणों में सभी लीन हो जाते हैं बाराबंकी जिले में इन्होंने ऐसी छवि बनाई की इनकी अमृतवाणी के द्वारा इनकी आवाज को बच्चा-बच्चा पहचान लेता है समाज में इनकी पहचान अलग बन चुकी है। इसी तरह का नजारा आज जकरिया के पास ग्राम गुरेला में स्थित नयापुरवा में बने मंदिर पर सत्संग सुनने का लोगों को अवसर प्राप्त हुआ। कथावाचक रामहेतु रसिया के द्वारा सत्संग के साथ-साथ लोगों को अपनी जीवनशैली सुधारने के लिए बुराई से बचने के लिए या इससे हम कैसे बचे इन सब बातों को व्यास मंच के माध्यम से बताया। मनुष्य को अपने जीवन पर विश्वास रखना चाहिए जिस तरह एक नाविक नदी की बहती तेज धारा से बचते हुए आपने नाव को इस पार से उस पार ले जाता है उसी तरह प्रभु पर विश्वास रखें और आपने जीवन की नैया को सच्चाई और ईमानदारी से व्यतीत करें। पांचवे दिन की कथा में रामचरितमानस में लिखी चौपाई कि ष्एक बार त्रेता युग माही। शंभू गए कुंभज ऋषि पाहीं रामचरितमानस में लिखी चौपाई की व्याख्या करते हुए उन्होंने बताया कि भगवान शंकर ने सती को अपने मुखारविंद से भगवान की कथा कई बार स्मरण कराई लेकिन सती को कथा पर बार-बार शंका होने के कारण वह अमर नहीं हो पाई। तब शंकरजी ने सोचा क्यों ना हम सती जी को कुंभज ऋषि के आश्रम जाकर के सती को कथा स्मरण कराएं सती को कुंभज ऋषि के द्वारा भगवान की पावन कथा को स्मरण किया। इसी कथा को विस्तार पूर्वक व्यास कथावाचक रामहेतु रसिया के द्वारा भक्तों को स्मरण कराया। ऐसी पावन कथा और इतनी सुरीली आवाज से लोग झूम उठे और लोगों ने भंडारे का प्रसाद पाकर सब अपनी खुशी के साथ कथा और कथा वाचक की प्रशंसा करते हुए घर वापस चले गए। मौके पर आए दूरदराज से लोग व सभी क्षेत्रवासी मौजूद रहे।