सिद्धार्थनगर : भयंकर बाढ़ की भयंकर तबाही, फसल चौपट तो जीवन पर मंडरा रहा घोर संकट
राजेश शर्मा/दैनिक बुद्ध का संदेश
तुलसियापुर/सिद्धार्थनगर। जनपद इस समय बाढ को लेकर पेरशान है खास कर डुमयिागंज एंव भनावपुर,इटवा में बाढ अपना पैर बड़ी तेजी से पैर फैला रहा है जिसको लेकर जनपद में भय का माहौल बना हुआ, जनपद के सभी जनप्रतिनिधि इस समय जनता के बीच जा कर बचाव व राहत कार्य में जुट गये है पिछले कई दिनों से जिले में राप्ती,बूढ़ी राप्ती, कूड़ा, घोघी व बानगंगा नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी से बांधों पर खतरा मंडराने लगा है। कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त बांधों के टूटने की आशंका से नदी एवं बांध किनारे बसे गांव के लोगों में त्रासदी का भय सताने लगा है। प्रशासन एवं सिंचाई विभाग सहित जनप्रतिनिधियों नेबाढ़ प्रभावित गांवो पर निगरानी बढ़ा दी है। जिले में राप्ती, बूढ़ी राप्ती, बानगंगा, कूड़ा और घोघी नदियों का जलस्तर बढ़ने से हाहाकार मच गया है। तुलसियापुर,कठेला, ढेबरुआ और इटवा की सड़कों पर पानी चढ़ने से आवागमन बाधित हो गया है। बाढ़ के पानी से हजारों एकड़ खेत में खड़ी फसल डूब गई है। कई गांव पानी से घिर गए हैं।
नेपाल के पहाड़ों व क्षेत्र में चार दिनों से हो रही बारिश से जिले की नदियों में उफान आ गया है। शोहरतगढ़ क्षेत्र के तुलसियापुर-कठेला पीडब्ल्यूडी मार्ग पर भुतहिया-भुतहवा, मटियार, झुंगहवां, तिरछहवां के पास बाढ़ का पानी चढ़ गया है। इसके अलावा झुंगहवा-झुलनीपुर मार्ग पर भी पांच जगहों पर एवं इटहिया-बालानगर मार्ग, नकोलडीह मार्ग, पन्नापुर मार्ग, नजरगढ़वा मार्ग, तौलिहवा मार्ग पर पानी बह रहा है। शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के खैरी शीतल प्रसाद, तौलिहवा, खैरी उर्फ झुंगहवां, मटियार उर्फ भुतहवा, तालकुंडा, रेकहट, बसहिया गांवों में बूढ़ी राप्ती, घोरही और बानगंगा नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई रास्तों व गांवों में पानी घुस गया है। इससे आवागमन में समस्या हो ही रही है। लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं। सुरक्षा के कारण मवेशियों को ऊंचे स्थान पर बांधा जा रहा है। बाढ़ के पानी से खैरी शीतल प्रसाद के टीकर,करौता, चिरहगना, पन्नापुर, नकोलडीह, मुरव्वनडीह, खैरी, शिवदुलारे डीह टोले, खैरी उर्फ झुंगहवा के झुंगहवां व तिरछहवा टोला, तौलिहवा ग्रामसभा के तौलिहवा, इटहिया, बालानगर, कचरिहवा, रेकहट के नजरगढ़वा, मटियार उर्फ भुतहवा के मटियार, भुतहिया, भुतहवा टोला, तालकुंडा ग्रामपंचायत के गोनहा व तमकुहवा टोलों में पानी आ जाने से सैकड़ों एकड़ धान की फसल डूब गई है। उमेष कुमार निषाद ने बताया कि उनके गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। धान, दलहन व सब्जी की फसल डूब गई है। उन्होंने प्रशासन से बाढ़ से प्रभावित गांवों को मैरुंड घोषित करने व राहत उपलब्ध कराने की मांग की है। बूढ़ी राप्ती औ राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से खतरा बढ़ गई है। सद्दाम खान ने बताया कि शुरुआत में जैसे-तैसे धान की रोपाई कराई। फिर सूखे की मार झेली और अब फसल पक कर तैयार होने को है तो बारिश व बाढ़ ने समस्या बढ़ा दी है। लगातार पांच दिन से हो रही बारिश से शहर से गांव तक पानी ही पानी नजर आ रहा है। जिले की नदियां उफान पर हैं। बूढ़ी राप्ती और घोरही नदियां तीन दिन से खतरे के निशान से ऊपर है।