सोनभद्र: पुरानी पेंशन पर एकजुट माध्यमिक शिक्षक आंदोलित
दैनिक बुद्ध का संदेश
सोनभद्र। पुरानी पेंशन सहित अन्य 16 मसलों पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद यादव को जिलाध्यक्ष शिवकुमार सिंह के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा। इससे पूर्व शिक्षकों ने माध्यमिक शिक्षा विभाग में व्याप्त तमाम विसंगतियों के खिलाफ़ आवाज बुलंद की। जिलाध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखण्ड की तरह उत्तर प्रदेश में पहल अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों/कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था से आच्छादित करे। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों का प्रांतीयकरण किया जाय जिससे शिक्षकों की राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्तता पर अंकुश लग सके। 14 अक्टूबर 1986 के बाद वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों की मान्यता की धारा 7 क (क) को धारा 7(4) में परिवर्तित कर इन विद्यालयों को मान्यता के क्रम में अनुदानित करे।
जब तक सभी विद्यालयों अनुदानित नहीं हो जाते तब तक इन विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्य, शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को पाँच अंकों की सम्मानजनक मानदेय उनके बैंक खाते में सीधे भेजने की व्यवस्था करे। माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षकों/कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाय। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालयों से शिक्षकों के कार्य समय से पूरे हो। इसके लिए सिटीजन चार्टर की व्यवस्था लागू की जाय ताकि शिक्षक अपनी पूरी ऊर्जा शिक्षण कार्य में लगा सकें। 6- 2019 से प्रारंभ हुई शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण की व्यवस्था अभी तक संपन्न नहीं हो सकी है, ऑनलाइन स्थानांतरण की व्यवस्था शुरू होने तक सभी शिक्षकों को आफलाइन स्थानांतरण कराने की अनुमति प्रदान की जाय। साथ ही स्थानांतरित शिक्षक की वरिष्ठता उसके प्रथम कार्यभार ग्रहण तिथि से आकलित किया जाय। वर्ष 2013 के पश्चात प्रधानाचार्य भर्ती का कोई विज्ञापन नहीं आया है जिसके कारण 90 प्रतिशत प्रधानाचार्यों का पद रिक्त है। प्रधानाचार्य भर्ती का विज्ञापन तत्काल निकाला जाय। प्रधानाचार्यों का चयन लिखित परीक्षा, साक्षात्कार के आधार पर करायी जाय, पचास प्रतिशत प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति राजकीय शिक्षकों की भाँति प्रदेश स्तर पर करे जिससे सभी शिक्षकों को पदोन्नति का समान अवसर मिल सके साथ ही प्रशिक्षित स्नातक वेतन क्रम में चयन वेतनमान प्राप्त करने वाले सहायक अध्यापकों को सहायक प्रवक्ता पद नाम दिया जाय। इससे सरकार पर अतिरिक्त व्ययभार भी नहीं पड़ेगा।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 2016 की धारा 33 (छ) से विनियमित शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाय। धारा 33 छ (8) को हटाकर उच्च न्यायालय के आदेश से वेतन प्राप्त कर रहे शिक्षकों को विनियमित किया जाय। भविष्य में तदर्थ नियुक्तियों पर प्रभावी रोक लगाई जाय। विषय विशेषज्ञों की प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा आगणित कर वरिष्ठता प्रदान करते हुए उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाय। परिषदीय परीक्षा, मूल्यांकन दरों को सीबीएसई बोर्ड के समान किया जाय। पारिश्रमिक दरों में वृद्धि हेतु निर्गत राजाज्ञा संख्या – 408/15 -7-2019 -1 (152)/2004 टी०सी० दिनांक 9 मार्च 2019 द्वारा परीक्षकों के लिए जलपान हेतु 20 घोषित किया गया था जो बहुत कम है इसे 50 प्रतिदिन घोषित करते हुए भुगतान सुनिश्चित किया जाय। चयन बोर्ड से चयनित शिक्षकों को यथासंभव उनके गृह जनपद या अधिकतम उनके मंडल में नियुक्ति प्रदान किया जाय। बोर्ड अपने स्तर से करा कर ही परिणाम घोषित तथा चयनित शिक्षकों को चयन बोर्ड से चयनित शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन चयन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में कार्यभार ग्रहण कराया जाय ताकि चयनित शिक्षक मानसिक एवं आर्थिक शोषण से बच सकें सभी प्रकार के अवशेषों का भुगतान शीघ्र किया जाय। माध्यमिक विद्यालयों में सेवानिवृत्ति से रिक्त होने वाले पदों पर एक वर्ष पूर्व से ही चयन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाय ताकि समय से विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति हो सके। कोरोना काल में बंद किये गये परिवार नियोजन भत्ता एवं नगर प्रतिकर भत्ता को पुनः बहाल किया जाय। आंदोलित शिक्षकों में प्रधानाचार्य अनिल कुमार तिवारी, सी. लाल, नवीन कुमार बिंद, विजय कुमार दुबे, बृजेश यादव, ललित मोहन, अमित कुमार सिंह, राहुल कुमार, नागेंद्र कुमार, संतोष कुमार तिवारी, मुन्ना लाल जायसवाल,अनेक बाबू साहू, सनोज कुमार चौहान, सत्य प्रकाश सिंह, कृष्ण कुमार कनौजिया आदि शामिल रहे।