सिद्धार्थनगर: ड्रग्स माफियाओं के नेटवर्क के समूल नाश को लेकर तैयारी,सुरक्षा एजेंसियों को दिया निर्देश
दैनिक बुद्ध का संदेश
सिद्धार्थनगर। विशेषकर ड्रग्स तस्करी के कारोबार में लगे कारोबारियों की कमर तोड़ने के लिए देश के गृहमंत्री अमित शाह ने सीमा पर तैनात विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाने का निर्देश दिया है। गृहमंत्री के निर्देश पर सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों के जवानों के हाव-भाव बदलने लगे हैं। मालूम हो कि गत दिनों दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन किया। इस सम्मेलन में मौजूदा एवं उभरती सुरक्षा चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।इस सम्मेलन में राज्यों के साथ-साथ भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा को लेकर चर्चा हुई।
यद्यपि कि नेपाल को मित्र राष्ट्र की संज्ञा दी जाती है, मगर हाल के दिनों में जिस प्रकार भारत विरोधी तत्वों ने मित्र राष्ट्र की धरती का इस्तेमाल इंडिया को अस्थिर करने के लिए किया है, उससे केन्द्र सरकार के कान खड़े हो गये है। गृहमंत्री ने सीमा पर तैनात विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के अफसरों को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वाेपरि है।बताया जाता है कि नेपाल से जिले की 68 किमी सीमा लगती है। इस खुली सीमा का इस्तेमाल अक्सर भारत विरोधी तत्व करते रहते हैं। पुराने जमाने की बात करें तो नेपाल की धरती से कई बार देश विरोधी घटनाओं को अंजाम दिया गया था। हाल के दिनों में इस खुली सीमा पर ड्रग्स कारोबारियों ने अपना पांव जमा रखा है। पहले गोरखपुर में पकड़ी गयी 2 करोड़ रूपये की नशीले दवाओं का कनेक्शन भी नेपाल से जुड़े होने के पुख्ता सबूत मिले थे। इसके अलावा नेपाल से अफीम की तस्करी कोई नयी बात नहीं है। इधर चीन और नेपाल में बढ़ रही नजदीकियां भी भारत को परेशान कर रही हैं। ऐसे में गृहमंत्री द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन में दिए गये निर्देश से नेपाल कल ही बतायेगा।सीमा पर पनपने वाली देश विरोधी गतिविधियों पर जरूर लगाम लगेगी। ऐसी उम्मीद की जा सकती है। गौरतलब है कि नेपाल को भारत अपना छोटा भाई समझता है। दोनों देशों के लोगों के बीच रोटी-बेटी का संबंध भी है, मगर अक्सर हिमदेश की धरती से भारत के खिलाफ जहर उगला जाता है। इसी कड़ी में एक साल पहले नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के भगवान राम पर दिए बयान ने क अभी कुछ दिन ाफी सुर्खियां बटोरी थी। इसके अलावा पिछले दिनों नेपाल में उसका नया नक्शा जारी किया गया था। जिसमें नेपाल ने भारत के कई इलाकों पर अपना दावा दिखाया था। वैसे भी अब भारत-नेपाल के रिश्तों के बीच अक्सर तनातनी दिखायी देती है। ऐसे में गृहमंत्री के निर्देश के बाद अर्न्तराष्ट्रीय सीमा पर क्या असर दिखेगा? यह तो आने वाला समय बतायेगा।