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सिद्धार्थनगर : विश्व सेवा संघ के नेतृत्व में प्राकृतिक खेती पर किसानों को किया गया जागरूक

दैनिक बुद्ध का संदेश
तुलसियापुर/सिद्धार्थनगर। बढनी के तुलसियापुर चौराहा पर किसानों का गोष्ठी आयोजन किया गया जिसमें किसानों को काला नमक धान व चावल और प्राकृतिक खेती पर जागरूक किया गया। मौजूद किसानों ने अपना विचार व्यक्त किया। किसानों को संबोधित करते हुए सबल संस्थान के सचिव ने कहा निरंतर कम हो रही मिट्टी की उर्वरता और अधिक उत्पदान के दबाव का हल प्राकृतिक खेती में है। किसानों को रसायनिक खाद और कीटनाशकों से हटकर प्राकृतिक खेती की ओर लौटना होगा। इससे फसल लागत न्यूनतम होगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा। फसल विविधिकरण के साथ किसानों को तकनीक को अपनाना पड़ेगा। किसान एक देशी गाय से घर पर दवा, खाद, टॉनिक बनाकर प्राकृतिक खेती कर सकता है। बस उसे जागरूक होने की जरूरत है।

जीवामृत, बीजामृत घनजीवामृत, दशपर्णी अर्क, निमास्त्र, ब्रह्मस्त्र, अग्निहस्रा आदि बनाना सिखाया जाता है। विश्व सेवा संघ अध्यक्ष सुनील केसी ने कहा प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने उप्र प्राकृतिक खेती बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी है। विभिन्न राज्यों में गठित प्राकृतिक खेती बोर्ड का अध्ययन कर यह प्रस्ताव तैयार किया गया था। हर जनपद में प्राकृतिक किसानों की टीम गठन होगा जिसमें शासन, प्रशासन और प्राकृतिक किसान होंगे। वर्तमान में रासायनिक खेती से मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है जिस कारण बीमारी, गरीबी बढ़ी है और प्रकृति विनाश की तरफ मानव जाति बढ़ा है। हम सबको प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान देना होगा। अपना जनपद काला नमक धान के लिए ओ डी ओ पी में चयन हुआ है। आज इसकी पहचान देश विदेश सबसे ज्यादा होने के नाते मांग बढ़ी है। ऐसे इसकी गुणवत्ता बनाये रखने के लिए प्राकृतिक खेती अनिवार्य है। सिद्धार्थनगर जनपद का काला नमक चावल सुंगध,पोषकयुक्त तत्व और औषधि के लिए जाना जाता है। इस जिला में जो भी किसान काला नमक खेती कर रहे हैं या करना चाहते हैं तो उन्हें गौ आधारित प्राकृतिक खेती की जानकारी होना बहुत आवश्यक है। हम सब निःशुक प्रशिक्षण किसानों दे रहे हैं। इस दौरान मिथलेश सैनी, होलीप्रसाद, रमजान, पंकज यादव, रामनरेश चौधरी, घनश्याम गुप्ता, चूल्हई, भूलई आदि किसान मौजूद रहे।

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