डग्गा मार वाहनों के ओवरलोडिंग और जांच के लिए प्रशासन उठाए कठोर कदम
ब्यूरो दैनिक बुद्ध का सन्देश
दैनिक बुद्ध का सन्देश
बहराइच |डग्गामार वाहन, जो कि अनाधिकृत और अवैध रूप से सड़कों पर चलते हैं, हमारे देश की सड़कों पर एक गंभीर समस्या बन चुके हैं। खासकर, उत्तर प्रदेश की सड़कों पर इन वाहनों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इन वाहनों का संचालन बिना किसी अनुमति के होता है, और ये अक्सर अधिक यात्रियों को ले जाते हैं, जो कि न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन गया है। पयागपुर से दिल्ली के बीच चलने वाले ऐसे वाहनों का मामला हाल ही में सुर्खियों में आया है, और इसके परिणामस्वरूप एक बड़ा हादसा भी हुआ है।पयागपुर से दिल्ली जाने वाले डग्गामार वाहनों में ओवरलोडिंग एक सामान्य बात बन गई है। इन वाहनों में क्षमता से अधिक यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है, जिससे दुर्घटना की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। हाल ही में मुजफ्फरनगर में ऐसी ही एक दुर्घटना घटी, जहां पयागपुर से दिल्ली जा रही एक बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें कई यात्री घायल हो गए। यह हादसा न केवल ओवरलोडिंग का परिणाम था, बल्कि वाहन चालक की लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता का भी परिणाम था।इस घटना के बावजूद, संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों ने इस समस्या पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। यह उदासीनता न केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है, बल्कि यह उन नियमों और कानूनों की भी अवहेलना है जो यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए बनाए गए हैं। यह स्थिति न केवल कानूनी उल्लंघन का मामला है, बल्कि यह यात्रियों के जीवन के साथ खिलवाड़ भी है।ओवरलोडिंग के परिणामस्वरूप, वाहन की स्थिरता और संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे चालक के लिए वाहन को नियंत्रित करना कठिन हो जाता है। सड़क पर अन्य वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए भी यह स्थिति अत्यधिक खतरनाक हो सकती है। इसके अलावा, जब एक वाहन में अधिक यात्री भरे जाते हैं, तो दुर्घटना के समय उसमें बैठे यात्रियों की सुरक्षा की संभावना और भी कम हो जाती है। सीट बेल्ट, आपातकालीन निकास जैसे सुरक्षा उपायों का अभाव इन डग्गामार वाहनों में आम बात है, जो कि दुर्घटना के समय यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं।ऐसी परिस्थितियों में, सरकार और संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने की आवश्यकता है। डग्गामार वाहनों की जांच और उन पर नियंत्रण लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। यातायात पुलिस और परिवहन विभाग को मिलकर एक सख्त निरीक्षण प्रणाली बनानी चाहिए, जिससे ऐसे अनाधिकृत वाहनों को चलने से रोका जा सके। इसके साथ ही, ओवरलोडिंग को रोकने के लिए चालकों और वाहन मालिकों को सख्त चेतावनी और जुर्माने का सामना करना पड़ना चाहिए। सड़कों पर यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। ऐसे में डग्गामार वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और ओवरलोडिंग पर प्रतिबंध लगाकर ही यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। यह समस्या सिर्फ पयागपुर से दिल्ली के बीच की नहीं है, बल्कि पूरे देश में इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके और सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सके।