सिद्धार्थनगर : भारत नेपाल सीमा के निकट गाँव से तस्करो की पेशेवर कैरियरो द्वारा सामानों की तस्करी का धंधा जोरो पर
दैनिक बुद्ध का सन्देश/पंकज चौबे
सिद्धार्थनगर। सीमा पर तैनात संबंधित विभागों के अधिकारी निजी स्वार्थ के कारण मूकदर्शक बने हुए हैं। जिसके चलते सीमा पर जहां सक्रिय संदिग्ध कार्यों में लिप्त तस्करो एवम् पेशेवर नाबालिक बच्चे कैरियरों के हौसले बुलंद हैं वहीं भारत सरकार के राजस्व को प्रतिदिन चूना लगाया जा रहा है। नकारों की माने तो वोर्डर से सटे गाँव कोटिया, चरिगवा, बढनी, लोहटी आदि जगह गोदाम बना रखा है जहाँ से रात व सुबह में बोर्डर पार किया जाता है कोटिया बाजार से प्रति दिन लाखों रुपए कीमत का सामान सायकिल, परचून, चीनी, हार्डवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, हौजरी, के साथ फ्रिज कूलर टीबी आदि सामान नेपाल भेजा जा रहा है
तस्करो के लिए काम करने वाले सैकड़ों नेपाली नाबालिक बच्चे धड़ल्ले से सायकिल पर सामान लाद कर वॉडर पर तैनात तमाम सुरक्षा एजेंसियों की आंखों के सामने से नेपाल चले जाते है और नेपाल में बैठे तस्करो को माल सौंप कर अपनी मजदूरी वसूल लेती है सूत्रों की माने तो सीमा पर सक्रिय धंधेबाजों ने सुरक्षा एजेंसियों को अपने मकड़ जाल में इस तरह जकड़ रखा है कि प्रतिबन्ध सामानों की तस्करी होने दौरान पुलिस प्रशासन भी आखे मूद लेते हैं जिसके फस्वरूप श्रंखलाबद्ध तरीके से साईकिल,मोटरसाइकिल से बिना रोक टोक के बिना बॉर्डर पार कर तस्करी का सिलसिला जारी रहता है। उक्त खेल पुलिस प्रशासन की जुगबंदी से खेला जाता है।