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सिद्धार्थनगर : मॉं अचिरावती महोत्सव में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, श्रद्धालुओं ने जमकर लगायें जयकारे

सत्य सनातन, धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत को बढावा देने वाले कार्यक्रम निरन्तर जारी रहेंगे- पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह

दैनिक बुद्ध का सन्देश
सिद्धार्थनगर। गंगा दशहरा पर्व पर राप्ती नदी तट पर धर्म रक्षा मंच के तत्वाधान में रविवार को आयोजित मॉं अचिरावती महोत्सव में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से विधि विधान से पूजन व 1001 दीप प्रज्वलित कर मॉं अचिरावती राप्ती की आरती उतारी। कार्यक्रम का आरम्भ पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने मॉं गंगा के चित्र पर माल्यापर्ण व पुष्प अर्पित कर किया। वही पंडित राकेश शास्त्री, स्वामी आलोकानन्द शास्त्री व शुभम शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण व विधि विधान से पूजन कर लोक कल्याण व क्षेत्र, क्षेत्रवासियों के कुशलता की कामना किया। भीषण गर्मी में हनुमान चालीसा के पाठ के बाद तेज हवायें चलने लगी, जिसपर श्रद्धालुओं ने जमकर जयकारे लगायें। पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि धार्मिक, सांस्कृतिक अभियान अन्तर्गत विगत 12 वर्षों से लगातार गंगा दशहरा का पर्व डुमरियागंज राप्ती नदी तट पर धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।

धर्म रक्षा मंच के बैनर तले सत्य सनातन, धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत को बढावा देने के उद्देश्य से लगातार काम किया जा रहा है। जिससे आने वाली पीढ़ियों में धर्म, संस्कृति, पर्व आदि का प्रसार हो सकें। उन्होंने बताया कि मान्यता है कि गंगा दशहरा पर मॉं गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु की अनन्त कृपा प्राप्त होती है। माना जाता है कि जब मॉं गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई तो वह ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी। तभी से इस तिथि को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। ऐसे उत्सव से भारतीय सनातन धर्म और परम्पराएं प्रगाढ़ होंगी। कार्यक्रम का उद्देश्य हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करना है, जिससे समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त कर समरसता कायम किया जा सकें। उन्होंने बताया कि सत्य सनातन, धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत को बढावा देने वाले कार्यक्रम निरन्तर जारी रहेंगे। पूर्व मंत्री डा0 सतीश द्विवेदी ने बताया कि गंगा दशहरा का आध्यात्मिक, सांस्कृतिक महत्व है। ऐसे आयोजनों से पर्यावरण की दृष्टि से नदियों के साफ-सफाई व महत्व के प्रति लोगों में जागरूकता होती है।

जबसे यहां अभियान शुरू हुआ है, तब से राप्ती का तट काफी स्वच्छ व सुन्दर हो गया है। गंगा दशहरा के पर्व को गंगावतरण दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस त्योहार को भारत में बहुत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया है। भारत में सभी नदियों को गंगा की सहायक नदी मानकर उनका पूजन किया जाता हैं। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन देवी गंगा की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। भजन संध्या के कार्यक्रम में गायिका दीपिका मिश्रा गोण्डा, गायक अंकित शुक्ला गोण्डा आदि की टीम ने श्री गणेश वन्दना से आरम्भ कर, सजा दो घर को गुलशन सा अवध में राम आये है….., मेरे झोपड़ी के भाग्य खुल जायेंगे राम आयेंगे….. आदि एक से बढ़कर एक सुन्दर भजन प्रस्तुत कर भक्तिमय माहौल बनाकर श्रद्धालुओं ने रात तक खूब झुमें। वही कार्यक्रम में सहयोगी कलाकार ढोलक पर अजय शुक्ला, कीबोर्ड पर टिन्कू शुक्ला, पैड पर अमित तिवारी आदि कलाकारों ने अपने बध्यंत्रो से श्रद्धालुओं का भरपूर मनोरंजन किया।कार्यक्रम के अन्त में राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने गंगा दशहरा की बधाई देते हुए सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित कर कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए धर्म रक्षा मंच की पूरी टीम व आये हुए श्रद्धालुओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस दौरान उपजिलाधिकारी डा0 संजीव दीक्षित, तहसीलदार संतराज सिंह, अधिशाषी अधिकारी महेश प्रताप श्रीवास्तव, रामकुमार कुंवर, लालजी त्रिपाठी, हरीशंकर सिंह, अलोकानन्द शास्त्री, राकेश शास्त्री, शुभम शास्त्री, नरेन्द्र मणि त्रिपाठी, लवकुश ओझा, डा0 दशरथ चौधरी, राजेन्द्र दूबे, विनोद उर्फ पप्पू श्रीवास्तव, चन्द्र प्रकाश चौधरी उर्फ चन्दू चौधरी, धर्मराज वर्मा, दिलीप उर्फ छोटे पाण्डेय, विकास जायसवाल, अजय गुप्ता, लालजी शुक्ला, मधुसूदन अग्रहरि, प्रियंका श्रीवास्तव, सुषमा श्रीवास्तव, ऐडवोकेट इंद्रमणि पाण्डेय, प्रदीप कसौधन, राजीव अग्रहरि, शत्रुहन सोनी, संतोष पासवान, शत्रुधन मिश्रा, अंकित श्रीवास्तव, अमरेन्द्र त्रिपाठी, रमेशधर द्विवेदी, राजकुमार चौधरी, विनय पाठक आदि सहित भारी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहें।

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