सिद्धार्थनगर : बढ़नी: नही रूक रहा फर्जी हाजिरी का सिलसिला, जिम्मेदार मौन
दैनिक बुद्ध का सन्देश/अभिषेक श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। मुख्य विकास अधिकारी सिद्धार्थनगर के आदेश की खिलाफत के क्रम में बढ़नी ब्लाक के ग्राम पंचायत परसा दिवान, सिसवा ऊर्फ शिवभारी में फोटो से हाजिरी लेने का लगाम लगा ही नही है कि अन्य ग्राम पंचायतों ने भी फोटो से हाजिरी लेने में कोई कसर नही छोड़ रहें हैं। ताजा मामला बढ़नी ब्लाक के ग्राम पंचायत खैरी ऊर्फ झुगहवां, सेमरहवा आदि में फोटो से हाजिरी लिये बिना नींद नही आ रही है। ग्राम पंचायत खैरी उर्फ झुगहवां आईडी सं0- 3151004029/स्क्/958486255824591158 कार्य- पिच रोड से रामदास के खेत तक, एमआर सं0- 4590 से 4609 तक और आईडी सं0- 3151004029/स्क्/958486255824591151 कार्य-राजकुमार के खेत से श्याम लाल के खेत तक, एमआर सं0 4967 से 4977 तक एक ही फोटो से शाम की पाली का हाजिरी लिया जा रहा है।
इसकी सूचना खण्ड विकास अधिकारी श्याम मुरली मनोहर मिश्र को मौखिक सूचना दी गयीं, उन्होंने संज्ञान में नहीं लिया। सेमरहवा आईडी सं0 3151004064/स्क्/958486255824464516 कार्य -तीसम में डॉक्टर सन्नाउल्ला के बाग से रामलखन के खेत तक मिट्टी का कार्य, एमआर सं0 3913 से 3920, दूसरा कार्य आईडी – 3151004064/स्क्/958486255824464544 कार्य-नवदिहवा में अफजुल्लाह के खेत से नेपाल सीमा तक चकमार्ग पर मिट्टी का कार्य, एमआर सं0- 4784 से 4793 तक में कई फोटो का एक साथ मिलान हो रहा है और काम पूरा हो गया है फर्जी हाजिरी लगायीं जा रही है उसी का फोटो खींच कर हाजिरी लगाया गया है। ग्राम पंचायत में नियुक्त ग्राम रोजगार सेवक द्वारा फर्जी हाजिरी लगा दिया जाता है व तकनीकी सहायक द्वारा फर्जी एमबी कर दिया जाता है और मजदूरों के खाते में पैसा भेजवा कर निकलवा लिया जाता है और उनको 500 से 600 रूपये पकड़ा दिया जाता है। सबसे बड़ी बात ये है कि फर्जी मनरेगा योजना में हो रहे कार्य स्थल पर शुरू होने व परियोजना पर व्यय किये गये धन का कहीं कोई साइन- बोर्ड भी नहीं लगा है। जिससे ये पता नहीं हो पाता है कि इस परियोजना पर कितने दिन, कितने श्रमिक कार्य किये और कितने रुपए का भुगतान हुआ। इस योजना में सरकारी धन का खूब बंदरबाट हो रहा है मनरेगा योजना में रोजगार सेवक की जिम्मेदारी होती है कि वह एनएमएमएस द्वारा फर्जी हाजिरी लगाते हैं।
उसके बाद तकनीकी सहायक की जिम्मेदारी होती है कि वह फर्जी एमबी कर देते हैं और प्रधान व सचिव की भी इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है, जिससे पैसा स्वीकृति होकर श्रमिकों के खाते में पहुंच जाता है। मनरेगा योजना में घोटाले बाजों की जड़े गहरी व मजबूत हैं। घोटाले बाजों की जड़े इतनी मजबूत है कि किसी भी ग्रामीण में इतनी हिम्मत नहीं होती कि खुलकर इसका विरोध कर सकें।अगर किसी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायीं तो उसको हर तरह से इतना प्रताड़ित व पीड़ित कर दिया जाता है कि वह थक हार कर घर पर बैठ जाता है। कार्य एक सप्ताह पहले ही पूर्ण हो चुका है ग्रामीणों ने जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त करवाई करने व फर्जी मनरेगा मजदूरों की हाजिरी को शून्य करने की मांग की है इस संबंध में पत्रकारों ने मौखिक सूचना खण्ड विकास अधिकारी को दिया गया उनके द्वारा बताया गया की एपीओ से भेजकर जांच करा लिया जायेगा। वहीं जिम्मेदार अधिकारियों का दावा है कि मनरेगा पर उनकी पैनी नजर है। पुरुष और महिलाओं को एक क्रम में खड़ा कर बिना कुदाल, कठरा के फोटो खींचकर हाजिरी का दस्तूर बना हुआ है। बढ़नी ब्लाक में ऐसे कई ग्राम पंचायत हैं जो फोटो से हाजिरी ले रहे हैं।