गोण्डा : नेहर के मुख्य शाखा में पानी का स्तर कम होने के बाद किसान कर रहे ठगा जैसा महसूस
दैनिक बुद्ध का सन्देश
गोण्डा। नहरों के मुख्य शाखा में पानी का स्तर कम होने के बाद किसान ठगा जैसे महसूस कर रहे हैं विभाग के अधिकारियों ने वाह वाही लूटने तथा स्वयं का पीठ थपथपा के लिए मुख्य नहरों में पानी छोड़ दिया लेकिन उप शाखाओं में पानी नहीं पहुंचा, पहुंचा भी तो नाममात्र तो किसान ठगा जैसे महसूस कर रहे हैं। तेज धूप व उमस भरी गर्मी के होने से किसानों के द्वारा किए जा रहे कृषि कार्य चनौती बनती जा रही है। सरयू नहर परियोजना पर प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये सरकार के द्वारा खर्च किया जा रहे है, लेकिन हकीकत यह है कि मुख्य शाखाओं में पानी छोड़ने के बाद उप शाखाओं में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसी स्थिति में किसानों के सामने सिंचाई की गंभीर समस्या बनी हुई है तथा फसलों की सिंचाई करना एक चुनौती बनता जा रहा हैं।
क्षेत्र के सरयू नहर खंड 4 की उप शाखाएं कई वर्षों से सफेद हाथी बनकर किसानों को चिढ़ा रहे हैं, लेकिन विभाग कागजों में खाना पूर्ति कर रहे है। ग्रामीण इलाके में नहरे सिंचाई का प्रमुख साधन है। इन दिनों गन्ने व अन्य फसलों को पानी की जरूरत है। अधिकतर सूखे नहरे होने से सिंचाई के अभाव में हजारों बीघा फसलें प्रभावित हो रही है। मानसून के असर भी नहीं दिखाई पड़ रहे है। तेज धूप व गर्मी से फसलों को सुरक्षित करना चुनौती बनी हुई है। फसलों को बचाने के लिए किसान को निजी पंपिग सेट से सिंचाई करने के लिए मजबूर हो रहे तथा लागत अधिक लग रही है।
बाक्स………….शिकायत पर भी नहीं हो रही सुनवाई
विकासखंड रुपईडीह क्षेत्र सहित अन्य नहरो में कई वर्षों से पानी नहीं आ रहा है ग्रामीणों ने इसे चालू कराने के लिए कई बार ब्लॉक से लेकर जिले स्तर तक शिकायत की, लेकिन आज तक नहरों में पानी नहीं आ सका। ये हैं क्षेत्र की नहरे व शाखाएं रूपईडीह के प्रथम व द्वितीय, छितौनी, कोचवा, सजनवा, कौड़ियां, फरेंदा शक्ल, गौसिहा, रामापुर, परसिया, अनन्तपुर कमडावा सहित क्षेत्र के कई माइनरों में पानी नहीं आ रहा है, जिससे गन्ने सहित अन्य फसलो की सिंचाई के अभाव में फसले खराब हो रही है।
गुलाबा की नालियों ध्वस्त पड़ी है सिंचाई के पर्याप्त साधन न होने से किसान मयूस हो रहे है। क्षेत्र में सूखे पड़े नहरों में पानी छोड़े जाने को लेकर रघु बाबा समाज सेवा संस्थान के अध्यक्ष राजकुमार दुबे ने बताया कि विभागीय अधिकारियों के द्वारा मुख्य नहरों में पानी छोड़ कर इति श्री कर दिया जाता है और उप शाखाओं में पानी नहीं पहुंच रहें हैं फसलों को गर्मी व उमस से कैसे बचाया जा सके। इस सम्बन्ध में अवर अभियंता संयोग्यगुप्ता ने बताया कि किसानों के सिंचाई के लिए अभी पानी नहीं उपलब्ध हो सका है अभी तालाबों में पानी भरने का कार्य किया जा रहा है।