बलरामपुर : बलरामपुर में ही बनेगा मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय, विधिक अड़चन समाप्त
दैनिक बुद्ध का संदेश
बलरामपुर। शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी देवी के नाम से बनने वाले राज्य विश्वविद्यालय की विधिक बाधाएं समाप्त हो गई हैं। जिला प्रशासन की मेहनत रंग लाई और विश्वविद्यालय के जनपद बलरामपुर में ही बनने का रास्ता साफ हो गया है। विश्वविद्यालय का निर्माण बलरामपुर के बजाय मंडल मुख्यालय के जनपद में हो इसको लेकर योजित की गई दूसरी याचिका माननीय उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई है और अब विश्वविद्यालय बलरामपुर में ही बनेगा इसका रास्ता एकदम साफ हो गया है। ज्ञातव्य है कि विश्वविद्यालय बलरामपुर के बजाय मंडल मुख्यालय के जनपद में बने इसको लेकर सर्वाेच्च न्यायालय में दायर याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है।
उच्च न्यायालय में जिला मजिस्ट्रेट अरविन्द सिंह द्वारा कानूनी बिंदुओं और भौतिक तथ्यों के आधार पर मां पाटेश्वरी देवी विश्वविद्यालय बलरामपुर का बचाव करते हुए एक बहुत ही तीखा तर्क दायर किया गया जिसमें यह तथ्य माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा गया है कि संविधान के तीन अंग यथा-कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका अच्छी तरह से स्थापित संवैधानिक सिद्धांत, जनादेश और तीन विंगों की सीमाओं को परिभाषित करते हैं। एक क़ानून जब तक कि वह संविधान के किसी भी प्रावधान के दायरे से बाहर न हो, रिट कोर्ट की समीक्षा का विषय नहीं हो सकता।
दिसंबर 2023 में इसे प्रभावी बनाने के लिए यूपी विधानसभा द्वारा एक कानून पारित/संशोधित किया गया था। इसी प्रकार कार्यकारी सार्वजनिक नीति न्यायपालिका का क्षेत्र नहीं है जब तक कि नीति संविधान के किसी प्रावधान के दायरे से बाहर न हो या इसमें किसी गलत इरादे की बू न आती हो। यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ। जिला प्रशासन द्वारा अपना पक्ष रखते हुए कहा गया कि भारत संघ की सार्वजनिक नीति के अनुसार, बलरामपुर एक आकांक्षी जिला है और रजिस्ट्रार की नियुक्ति के बाद विश्वविद्यालय अब एक पूर्ण उपलब्धि बन गया है।