सिद्धार्थनगर : खर-पतवार से फसल हो रही चौपट, किसान हैं चिन्तित
दैनिक बुद्ध का सन्देश
शोहरतगढ़़,सिद्धार्थनगर। किसानों के धान की फसल मे खर-पतवार (घास) की अधिकता के कारण फसल का विकास रूक गया है, जिससे फसल की उत्पादन प्रभावित हो सकता है। फसल के विकास को लेकर क्षेत्र के किसान चिन्तित है। शोहरतगढ क्षेत्र के किसानो ने बताया कि हर वर्ष की अपेक्षा इस साल धान की फसल मे घास बहुत अधिक मात्रा मे उग आया, जिसके लिये खर-पतवार नाशक दवाइयों का प्रचुर मात्रा मे छिड़काव करना पड रहा है, जिस पर भी पूरा खास नही गया। काफी किसानो को तीसरी बार दवा डालना पड़ा जिससे कुछ हद तक खर पतवार से राहत तो मिला लेकिन फसल का विकास रूक गया, जिससे किसानो को अतिरिक्त खाद की व्यवस्था करना पड रहा है।
अब सबसे बड़ी घासों से पटा धान की फसल समस्या किसानो के लिए जहां जेब ढीली हो गयी वही बचे हुए घास फसल से भी तगड़ा हो गया। कृषि विशेषज्ञो ने बताया कि विस्पाइरीवैक सोडियम, मेटसल्फ्यूरान और टूफोरडी को सही मात्रा मे मिला कर खर-पतवार पर छिड़काव करने से घास खत्म हो जाता था और फसल को कोई नुकसान नही होता था। लेकिन इस साल काफी किसानो ने बताया कि खेत का घास पूरी तरह से नही गया। कृषि विशेषज्ञो ने बताया कि दवा छिड़काव के समय खेत मे नमी होना चाहिए, नमी की कमी और पानी की अधिकता में दवा का छिडकाव करने से पूरा घास नही खत्म होगा। शोहरतगढ विकास क्षेत्र के किसानो ने बताया कि पहले पानी के कमी से फसले मुरक्षा रही थी और जब फसलो को पानी मिला तो घास ने धान के फसल को अपने आगोश में ले लिया। अब घास को निकलवाने मे जेब ढीली हो रहा है।