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सिद्धार्थनगर : संचालित अबैध हॉस्पिटल, डायग्नोस्टिक व अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर कब होगी कार्यवाही

कर्सर....... डिप्टी सीएम के ट्वीट का नही दिख रहा विभागीय अधिकारियों पर असर, तभी ठंढे बस्ते में चली गयी धड़ाधड़ छपेमारी

दैनिक बुद्ध का सन्देश
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। स्वास्थ्य विभाग इन दिनों काफी चर्चा में बना हुआ है। जांच रिपोर्ट और संरक्षण को लेकर भी आरोप लगाए जा रहे है। यही नही भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके सीएमओ कार्यालय सिद्धार्थनगर में सीएमओ बी के अग्रवाल और उनके अधीनस्थ नोडल अधिकारी एम एम त्रिपाठी,डिप्टी सीएमओ बीएन चतुर्वेदी का रिश्वत के पैसे के लेने के बाद और पैसों की मांग करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर इन दोनों को वायरल हो रहा है।

करीब 5 से 6 की संख्या में वायरल हो रहे वीडियो में सीएमओ अग्रवाल अपने चेंबर में अपने अधीनस्थों के साथ रिश्वत का पैसा ना मिलने पर पीड़ित को अपशब्द कहते हुए साफ़ सुन जा सकते हैं। वायरल हो रहे अन्य वीडियो में सीएमओ के अधीनस्थ 1 लाख की रकम मिलने की बात कबूल करते हुए सीएमओ द्वारा 5 लाख रुपए और मांगने की बात कहते हुए दिख रहे हैं। पूरा मामला सिद्धार्थनगर जिले के सीएमओ कार्यालय का है वायरल हो रहे इस वीडियो के बारे में वीडियो बनाने वाले डॉक्टर अमित चौधरी ने बताया कि उनका जिले के बंसी में अवध हॉस्पिटल के नाम से अस्पताल संचालित हो रहा था जिसके रजिस्ट्रेशन के लिए सारे मानकों को पूरा करते हुए उन्होंने अप्लाई किया था। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थनगर के सीएमओ बी के अग्रवाल ने अपने अधीनस्थों के माध्यम से उनसे पहले 1लाख की डिमांड की और जब उन्होंने एक लाख रुपए दे दिए तो उसके बाद उन्हें सिर्फ एक महीने का लाइसेंस ही निर्गत किया बाद में रजिस्ट्रेशन के रिन्यूअल के नाम पर वह दोबारा 5 लाख रुपए की मांग करने लगे। पीड़ित ने कहा कि जब उन्होंने पैसा देने से मना कर दिया तो उनके अस्पताल पर आए दिन छापेमारी की कार्रवाई होने लगी साथ ही सीएमओ ने धमकी दी की जब तक मैं यहां हूं तब तक मैं तुम्हारे अस्पताल का ना तो रिनुअल करूंगा और ना ही चलने दूंगा। उन्होंने कहा कि बहुत परेशान होने के बाद उन्होंने सीएमओ ऑफिस में व्याप्त इस भ्रष्टाचार का वीडियो क्लिप बनाने का निर्णय लिया और उनके बनाए गए वीडियो क्लिप में पैसे की मांग करते हुए सीएमओ और उनके साथ के कर्मचारी कैद हो गए। वही सीएमओ ऑफिस में रिश्वत के मांगने का वीडियो वायरल होने के बाद जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है और उन्होंने सीएमओ से स्पष्टीकरण मांगते हुए सीडीओ की अगुवाई में जांच कमेटी का गठन भी कर दिया है जो एक हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट सौटेगी और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा। मामले को बढ़ता देख रिश्वत मांगने के वायरल वीडियो मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी बी के अग्रवाल ने अपने दो अधीनस्थों डिप्टी सीएमओ डॉक्टर एमएम त्रिपाठी और डॉक्टर बी एन चतुर्वेदी के खिलाफ वीडियो में रुपए लेने की बात स्वीकारने और अधिक रुपए की मांग करने की शिकायत पुलिस विभाग से की है और खुद को निर्दाेष बताया है।तो वहीं विधायक विनय वर्मा ने चिकित्साधिकारी से पत्र लिख जवाब मांगा है। उन्होंने अपने शिकायती पत्र में लिखा कि,- शोहरतगढ़ बाजार में गत 28 जुलाई को एक निजी अस्पताल में प्रसूता की इलाज के दौरान हुई लापरवाही के कारण मौत के बाद मेरी शिकायत पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक जी के ट्वीट पर विधानसभा क्षेत्र शोहरतगढ़ समेत पूरे जिले में शुरू हुई अवैध प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ जांच व छापेमारी में आपके विभाग द्वारा क्या कार्रवाई किया गया। यह मुझे भी अवगत करवाएं और यह भी बताएं कि गत 11 अगस्त के बाद अवैध अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र व 19 अगस्त के बाद जिले में कार्रवाई क्यों बंद कर दिया गया। क्या अब शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र समेत पूरे जिले में कोई भी अवैध अस्पताल संचालित नहीं हो रहा है। आपसे अपेक्षा है कि अब तक शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में गलत तरीके से संचालित हो रहे लगभग आधा दर्जन से अधिक अस्पताल, डायग्नोस्टिक व अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ हुई कार्रवाई की जानकारी मुझे भी दिया जाए। इन चिकित्सा सेंटरों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी हुई या उनसे भी सुविधा शुल्क लेकर उन्हें राहत दे दिया गया। इन सवालों से फिर स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मचना तय माना जा रहा है।

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