गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर से सटे मुसलमानों के घर खाली कराने का आदेश
कर्सर................मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा वजह से उठाया जा रहा ये बड़ा कदम
दैनिक बुद्ध को संदेश
गोरखपुर। आपको बता दे की कुछ महीने पहले ही मुर्तजा अंसारी नाम के व्यक्ति ने मंदिर मे घुसकर सुरक्षाकर्मियों को घायल कर दिया था। मकान मालिकों को दिया जाएगा मुआवजा, दूसरी जगह बसाने की होगी व्यवस्था। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित प्राचीन गोरखनाथ मंदिर से सटे मुसलमानों के घरों को खाली कराया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा की दृष्टि से ऐसा किया जा रहा है। खबर के मुताबिक़, गोरखनाथ मंदिर के दक्षिण पूर्वी कोने से सटे जिन मुस्लिमों के घरों को खाली कराया जाना है,
उनकी संख्या 11 बताई जा रही है. इस संबंध में जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है। जिला प्रशासन का दावा है कि सभी की सहमति के बाद घर खाली कराए जाएंगे। संबंधित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। उन्हें दूसरी जगह बसाने की व्यवस्था की जाएगी। उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक केंद्र एवं राज्य की खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा के लिहाज से एक रिपोर्ट तैयार की है. इसी आधार पर मंदिर के मुख्य गेट से सटे पंजाब नेशनल बैंक की इमारत, जोकि मंदिर की संपत्ति है, उसे भी परिसर में मिलाने का प्रस्ताव है, ताकि मुख्य द्वार पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जा सके, और गेट पर ही हर व्यक्ति से लेकर वाहन तक की जांच हो सके. इसके साथ ही मंदिर के दक्षिण पूर्वी कोने और कुछ और हिस्सों में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. इसी के मद्देनजर शासन के निर्देश पर प्रशासन ने इन घरों को खाली कराने की तैयारी शुरू की है। प्रशासन का कहना है कि इसे लेकर सबसे सहमति बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिहाज से यह कदम उठाया गया है। एजेंसियों ने सीएम की सुरक्षा को खतरा बताया है. प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि मकान शिफ्टिंग में कोई जोर जबरदस्ती नहीं होगी, जो सहमति से जाना चाहेंगे, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा. इसकी जानकारी सबको दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मसला है, इस लिहाज से स्थानीय लोग संवेदनशीलता दिखा रहे हैं. सब खुद मुआवजा लेकर दूसरी जगह जाने के लिए तैयार हैं। प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक, जिल प्रशासन की ओर से घरों को खाली कराने के संबंध में एक सहमति पत्र तैयार किया गया है, जिस पर 11 में से नौ लोगों ने दस्तखत कर दिए हैं, जबकि दो परिवार बाकी हैं। प्रशासन का कहना है कि किसी पर भी दबाव नहीं बनाया गया है। कार्रवाई शुरूआती दौर में है। अभी लोगों से सहमति ली जा रही है। तत्काल किसी को बेघर नहीं किया जा रहा है। सभी की सहमति, मुआवजा आदि की घोषणा के बाद ही कोई कार्रवाई होगी।