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सरदार पटेल अखंड भाव के प्रतीक-संजीव कटियार

सरदार पटेल अखंड भाव के प्रतीक , राजकीय इंटर कॉलेज घोरावल के प्रांगण में सोमवार को लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय , भारत सरकार, केंद्रीय संचार ब्यूरो ,क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी द्वारा आज़ादी का अमृत महोत्सव और सरदार वल्लभभाई पटेल जी के जीवन पर आधारित दो दिवसीय जनजागरूकता अभियान एवं चित्र प्रदर्शनी का किया गया।सीओ संजीव कटियार, भाजपा जिला मंत्री कैलाश सिंह प्रधानाचार्य अनिल यादव, काशी प्रसाद मौर्य, अमरेश चंद्र, डॉ परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव आदि अतिथियों ने फीता काट कार्यक्रम का उद्घाटन किया।जयंती समारोह में उपस्थित लोगों ने राष्ट्रीय एकता की शपथ लिया l विद्यार्थियों ने एकता दौड़ में भाग लिया। मुख्य अतिथि संजीव कटियार ने कहा कि सरदार पटेल सिर्फ इतिहास में ही नहीं, बल्कि हम देश वासियों के हृदय में भी हैं। पटेल जी भारत की अखंडता के प्रति, अखंड भाव के प्रतीक हैं। उन्होंने देशवासियों को 'एक रहेंगे तभी आगे बढ़ेंगे' जैसी प्रेरणा का संदेश दिया।आजादी का ये अमृतकाल, विकास की अभूतपूर्व गति का है, कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का है। ये अमृतकाल सरदार पटेल के सपनों के भारत के नवनिर्माण का है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल हमारे देश को एक शरीर के रूप में देखते थे, एक जीवंत इकाई के रूप में देखते थे। इसलिए, उनके 'एक भारत' का मतलब ये भी था, कि जिसमें हर किसी के लिए एक समान अवसर हों, एक समान सपने देखने का अधिकार हो l अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए अभियान के आयोजक क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी, वाराणसी, डॉ. लालजी ने बताया कि समेकित जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत आज़ादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जारी जनजागरूकता अभियान क्रम में आयोजित चित्र प्रदर्शनी में लौह पुरूष सरदार पटेल जी के जीवन पर आधरित चित्रों का प्रदर्शन किया गया है जिसमे उनके बचपन, गांधी जी से प्रशिक्षण, सफल वैरिस्टर, निडरता, कर्मठता, किसानों के हितैषी और आधुनिक भारत के नवनिर्माण में योगदान की जानकारी युक्त चित्र प्रदर्शित किए गये हैं l आजादी का अमृत महोत्सव पर स्वतंत्रता आंदोलन की जुड़ी ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण घटनाओं जैसे डांडी यात्रा ,नमक सत्याग्रह, जलियां वाला बाग नरसंहार, यूरोपीय, व्यापरीयों का भारत आगमन, खिलाफत आंदोलन, साइमन कमीशन वापस जाओ, नेताजी सुभाष चंद्रबोस का योगदान, खेड़ा सत्याग्रह,, चौरी -चौरा की घटना, आज़ादी की पहली लड़ाई, बंदेमातरम का उदघोष, राष्ट्रीय जागरण की लहर, चम्पारण सत्याग्रह के चित्र लगाए गये हैं । खुली प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किया गया l सीबीसी लखनऊ के पंजीकृत जादूगर एवं सतरंज्य कठपुतली, प्रयागराज ने अपनी विधा से राष्ट्र भाव की भावना को अपनी कला के माध्यम से जागृत किया l कार्यक्रम का संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी, वाराणसी डॉ.लालजी ने किया l एक नवंबर को भी प्रदर्शनी आमजन के अवलोकन के लिए खुली रहेगी जादू और कठपुतली के कार्यक्रम एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता होंगी।

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