सिद्धार्थनगर : रामकथा से समाज मे फैलता है समरसता-साध्वी प्रज्ञा शुक्ला
दैनिक बुद्ध का संदेश
उसका बाजार/सिद्धार्थनगर। रामकथा प्रवचन व सत्संग समाज में समरसता फैलता है। क्षेत्र के करमा गांव में चल रही मां लक्ष्मी पूजा समारोह एवं दिव्य रामकथा में चतुर्थ दिवस रामकथा में बाल व्यास प्रज्ञा शुक्ला प्रसून ने श्रोताओ को रसपान कराते हुये कहा। कथा को विस्तार देते हुये कहा कि रामकथा मनुष्य के कल्याण का मार्ग को प्रशस्त करती है। साथ ही मुक्ति का रास्ता भी बनाती है। कथा तमाम पापों से मुक्ति का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है।
उन्होंने पंचवटी में राम-लक्ष्मण के प्रश्नोत्तर की चर्चा करते हुए कहा कि लक्ष्मण ने पूछा कि यह माया क्या है, ज्ञान क्या है, वैराग्य क्या है और उससे भी महत्व की बात, भक्ति क्या है। इस पर प्रभु ने कहा कि जिससे मैं प्राप्त होता हूं वही मेरी भक्ति है। कथा के दौरान संगीत मण्डली द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया। इस दौरान सत्यप्रकाश शुक्ला, आदित्य शुक्ला, दिवाकर शुक्ला, आनंद शुक्ला, दिवाकर शुक्ला, अशोक पाण्डेय, सुभाष यादव, मान्या शुक्ला आदि भक्त उपस्थित रहे।