सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य का स्थानांतरण पर हुआ विदाई समारोह

बलरामपुर/पचपेड़वा। सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य शिव बहादुर शास्त्री का स्थानांतरण उनके मूल जनपद रायबरेली में हो जाने पर सोमवार को विद्यालय में विदाई समारोह का आयोजन हुआ, पचपेड़वा शिशु मंदिर में उनके द्वारा बिताए गए 7 वर्ष के कार्यकाल को सभासद शशिकांत ने सराहते हुए कहा कि विद्यालय में शिक्षा के योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता है,विद्यालय के प्रबंधक राम सरन गुप्ता ने कहा कि आपके द्वारा सभी बच्चों को एक पिता की तरह शिक्षा के साथ संस्कार भी दिया,जहां पर आप रहेंगे लोग आपको याद करते रहेंगे।समारोह के दौरान स्कूल के छात्र-छात्राएं बेहद भावुक हो गए और कई छात्राएं फूट-फूटकर रोने लगीं, बच्चों और स्थानीय लोगों से शिव बहादुर का गहरा लगाव था, जिसके कारण यह विदाई समारोह सभी के लिए भावुक करने वाला क्षण था, प्रधानाचार्य शिव बहादुर शास्त्री ने अपने शिक्षक की कड़ी मेहनत की सराहना की और बताया कि विद्यालय के गुरुजन और बहनों द्वारा बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद,वंदना, संगीत अपने से बड़ों से संस्कार के साथ बात चीत के लिए भी प्रेरित करते थे। प्रधानाचार्य शिव बहादुर शास्त्री ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक जीवन के साथ विधा भारती में 33 साल समर्पण की बात भी कही, अपने इकलौते पुत्र अक्षय के आकस्मिक निधन से भावुक हुए और राष्ट्र के लिए अपना जीवन समर्पित करते हुए लोगो को भी प्रेरित किया,अपने संगीत के अनुभव को भी एक रचना के साथ साझा किया,ष्रही जिंदगी तो मिलेंगे दुबारा,तुमसे बिछड़ना ना हमको गवाराष् सब भावुक हो गए, प्रधानाचार्य ने अपने प्रिय सखा मनोज त्रिपाठी के साथ बिताए पल की भी चर्चा किया, आखिरी में सभी बच्चों को एक उपदेश दिया कि अपने माता पिता का सदैव सम्मान और ध्यान रखना,साथ ही अपने गुरुजन से कभी भी आंख चुराकर मत भागना।विद्यालय में स्मृति शेष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और पचपेड़वा में हिंदुत्व को जागृत करने वाले अक्षय का फोटो भी लगाया। मनोज त्रिपाठी मनोहरपुर का विद्यालय से काफी लगाव रहा विदाई समारोह में वह भावुक हो गए।इस अवसर पर समाजसेवी संतोष भगत ,सभासद विक्की गुप्ता ने भी अपना विचार व्यक्त किया, इस अवसर पर सुरेश तिवारी विद्यालय का परिवार और छात्र छात्राएं उपस्थित रही।