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उत्तर प्रदेश के जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने शिक्षक समस्याओं को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को लिखा पत्र

ब्यूरो दैनिक बुद्ध का सन्देश

बहराइच | उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने शिक्षक समस्याओं को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराया है। पत्र में बेसिक शिक्षा अधिकारी का ध्यान विद्यालयों में ठीक से शिक्षण हो और जनपद बहराइच निपुण बने ; इसके संबंध में सुझाव भी दिए गए हैं। संगठन द्वारा दिए गए मांग पत्र में डीबीटी छात्रों का कम होने के कारण 75 प्रधानाध्यापको का वेतन बाधित करने का आदेश को अव्यवहारिक बताया गया है और मांग की गई है कि सभी प्रधानाध्यापक के वेतन‌ को बाधित न किया जाए । महानिदेशक स्कूली शिक्षा ने भी शिक्षकों के वेतन‌ ना रोकने के लिए पत्र जारी किया है।

मांग में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से अपेक्षा की गई है कि वह अन्य विभागों से संबंध स्थापित कर विद्यालय समय में विद्युत आपूर्ति विद्यालय में हो ; जिससे छात्रों को इस चिप चिपाती गर्मी से राहत मिल सके और निपुण लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ़ सकें। जूनियर शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष विद्या विलास पाठक ने बताया कि अगर विद्यालय में उचित वातावरण नहीं है तो पढ़ाई संभव नहीं हो पाती है ; उन्होंने कहा साफ सफाई के लिए कोई कर्मचारी नियुक्त नहीं है इसलिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से अपेक्षा की गई है कि वह पंचायत विभाग से समन्वय स्थापित कर जो सफाई कर्मी ग्राम सभा में नियुक्त हैं वह प्रतिदिन विद्यालय आकर सफाई का कार्य कर जाएं ऐसी व्यवस्था होना चाहिए।
विद्या विलास पाठक ने बताया कि जिन शिक्षक शिक्षिकाओं का एक ही पद पर 10 वर्ष पूरा हो चुका है उनकी फाइलें प्रोन्नत /चयन वेतनमान है ; तो खंड शिक्षा अधिकारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करा दे ; जिससे शिक्षकों का आर्थिक नुकसान ना हो। साथ ही मांग की गई है कि विद्यालय में जो भी निरीक्षण करने जाएं वह जो भी अपनी बात कहना चाहते हैं वह बच्चों के सामने ना कह कर ऑफिस में शिक्षकों को या कर्मचारी को या शिक्षामित्र को या अनुदेशकों को जो भी सुझाव देना चाहे वह ऑफिस में बैठकर दें।इससे छात्रों के समक्ष शिक्षण करने वाले लोगों का सम्मान बना रहेगा । उन्होंने अपेक्षा की है कि विद्यालय में छात्रों की कम उपस्थिति के लिए शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया जाता है जो ना व्यावहारिक है ना उचित है ; शिक्षक प्रयास करते हैं लेकिन अभिभावकों के असहयोग के कारण शिक्षकों का प्रयास सफल नहीं होता है | अभिभावक बच्चों से घरेलू कार्य कराते हैं कभी-कभी वह कृषि कार्य में भी सहयोग लेते हैं ; ऐसे में कम उपस्थिति के लिए शिक्षकों को दोष देना उचित नहीं है | उन्होंने मांग की है कि अगर छात्र संख्या स्कूलों में कम रहती है इसको लेकर शिक्षकों का किसी प्रकार से उत्पीड़न ना किया जाए।
कार्यकारी महामंत्री यादवेंद्र यादव ने बताया कि कई विद्यालयों से हाई वोल्टेज के खंभे विद्यालय के फील्ड में लगे हुए हैं जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है; इन खंभो को हटाया जाना चाहिए। साथ ही साथ उन्होंने बताया कि कई विद्यालयों में सोलर पैनल लगाए गए थे परंतु वह खराब हो चुके हैं उन्हें विभाग बदलकर दूसरा पैनल लगाए ; जिससे विद्युत के न रहने पर छात्रों को गर्मी से निजात मिल सके।
जिला अध्यक्ष विद्या विलास पाठक ने कहा कि शिक्षकों, शिक्षामित्र ,अनुदेशकों से विभाग बहुत ही अपेक्षाएं रख रहा है लेकिन जब तक विद्यालय में पढ़ाई लायक उचित वातावरण का निर्माण नहीं होगा। भौतिक संसाधन उपलब्ध नहीं होंगे ; तो निपुण लक्ष्य की प्राप्ति में कठिनाई आएगी। निपुण लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जरूरी है कि वह सभी संसाधन विद्यालय में जमीनी स्तर पर दिए जाएं, केवल कागजी कोरम पूरा करने से लक्ष्य हासिल नहीं होते हैं।

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