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अम्बेडकरनगर : अवैध क्लीनिक में फिर गई एक युवक की जान

मुख्य चिकित्सा अधिकारी साहब जनता जानना चाहती है अभी और कितनी जाएगी जान

दैनिक बुद्ध का संदेश
अम्बेडकरनगर। जिला अधिकारी के निर्देश में अवैध क्लिनिको पर छापा मारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने शुरू किया तब से जिले में बहुत से अवैध क्लिनिक संचालक जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं वहीं पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी छापेमारी के नाम पर हाथ पैर हाथ धरे रह गए आए दिन अवैध अस्पताल संचालक और कितनी जिंदगियां के साथ खिलवाड़ करगे आए दिन अखबार की सुर्खियों में बना रहता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के ऊपर अब सवाल खड़े हो रहे हैं आखिर किसके सैय पर अस्पताल संचालक जिंदगियों को तबाह कर रहे हैं आखिर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जिला अंबेडकर नगर में क्या अवैध अस्पतालों की जानकारी नहीं है या जानकारी मे यह सब खेल खेला जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्रवाई पर उठ रहे हैं सवाल अगर कार्रवाई की जा रही है तो क्यों नहीं।

एक बार फिर मामला जनपद अंबेडकर नगर से निकलकर सामने आया अंबेडकरनगर पीड़ित रामबृज ०/० स्व वल्ली थाना कटका निषाद निवासी ग्राम महमदपुर पीड़ित पिता ने कहा भीम निषाद ०/० रामवृज उम्र लगभग 28 वर्ष दवा के लिए ज्.त्.ब् अस्पताल क्लीनिंग सेंटर के यहां इलाज चल रहा था मेरे पुत्र द्वारा घर पर बताया गया कि प्लेट-लेट काम हो गया जिसका इलाज उपरोक्त अस्पताल में डॉक्टर रविंद्र यादव के द्वारा इलाज किया जा रहा था समय लगभग 9ः00 बजे दवा लेने के लिए गया था डॉक्टर रविंद्र के यहां इलाज के दौरान मेरे पुत्र की मौत हो गई पीड़ित पिता ने बसखारी थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। थाना बसखारी के द्वारा डॉक्टर और फार्मासिस्ट को थाने में लाकर बैठा दिया लगभग 2ः00 बजे से 2ः00 बजे से डॉक्टर पक्ष पीड़ित पक्ष समझौता करने का प्रयास जारी रहा लेकिन शाम तक सभी का समझौता व्यर्थ साबित हुआ।

बाक्स………….जिम्मेदारों द्वारा कार्यवाही करने पर खड़े हो रहे सवाल

मीडिया कर्मी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से वर्ता कि फर्जी प्रमाण पत्र लेकर अवैध क्लिनिको से अवैध वसूली करने वाला व्यक्ति बसखारी पुलिस ने पकड़ा था लेकिन कोई एप्लीकेशन ना होने के नाते पुलिस ने छोड़ दिया इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जब बात किया गया कि आपके विभाग के फर्जी आईडी लेकर अवैध वसूली करने वाले के ऊपर कारवाई आप लोगों ने क्यों नहीं करवाई तो पहला शब्द मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि वह पुलिस विभाग का काम था मीडिया कर्मी ने यह भी कहा की आपके विभाग की फर्जी आईडी लेकर घूम कर अवैध क्लिनिको से कर रहा था सूली तो यह आपके विभाग को बदनामी किया तो आप क्यों नहीं आगे आए उसे पर कार्रवाई के लिए तो सवालों में मीडिया के घिरते दिखे तो गोलमाल जवाब दिए यह साबित हो रहा है कि जिले में जो भी संचालक जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं वह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से यह सब खेल खेला जा रहा है आखिर अभी तक अस्पताल पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई यह भी सवाल खड़ा हुआ है आखिर क्या अस्पताल को सील कर भेजा जाएगा जेल बहुत से सवालों जनता के मन में गूंज रही है कि आखिर अबकी बार किसकी जिंदगी के साथ होगा खिलवाड़।

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