सिद्धार्थनगर : आजाद सशस्त्र क्रान्ति के जननायक थे- देवेन्द्र मणि
दैनिक बुद्ध का संदेश
बांसी/सिद्धार्थनगर। तेजगढ़ स्थित चन्द्र शेखर आजाद स्मारक स्थल पर एक संक्षिप्त कार्यक्रम के तहत महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक व चंद्रशेखर आजाद के 118 वीं जन्म जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया गया। राष्ट्रीय एकता एवं साम्प्रदायिक सदभाव के तहत मंगलवार को तहसील प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे तहसीलदार बांसी देवेन्द्र मणि त्रिपाठी, नायब तहसीलदार राघवेंद्र पाण्डेय तथा प्रो0 के0 पी 0 त्रिपाठी ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के चित्र व चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दिया। तहसीलदार देवेंद्र मणि त्रिपाठी ने चंद्रशेखर आज़ाद को क्रांति दूत नर नाहर व सशस्त्र क्रांति का जननायक बताते हुए कहा कि आजाद ने देश की आज़ादी के लिए सशक्त संगठन खडा कर आजीवन संघर्ष करने का संकल्प लिया था। देश की एकता व अखण्डता बनाए रखने के लिए आज सभी को संकल्प लेने की जरूरत है।
नायब तहसीलदार राघवेंद्र पाण्डेय ने आजाद को देश की स्वतंत्रता के लिए जान न्योछावर करने वाला पुरोधा बताते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अवकाश प्राप्त प्रोफेसर के. पी. त्रिपाठी ने चन्द्रशेखर आजाद के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के भाबरा गांव में जन्मे चन्द्रशेखर आजाद जलियांवाला बाग कांड के दौरान बनारस में पढ़ाई कर रहे थे। इस घटना ने बचपन में ही उनको अंदर से झकझोर दिया था। उसी दौरान उन्होंने आजादी के आन्दोलन से जुडकर ईंट का जवाब पत्थर से देने का उन्होंने संकल्प लिया । महात्मा गांधी के साथ आंदोलन से जुड़ने के बाद वह आजादी की लड़ाई लडते हुए 27 फरवरी 1931 को शहीद हो गए । कार्यक्रम के अंत में परिसर में अधिकारियों ने बृक्षारोपड कर मौके पर मौजूद रहे प्रधान प्रतिनिधि रामलौटन से उसे संरक्षित करने की बात भी कहा। सुर्यनारायण यादव तथा बृजेश चौबे सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे।