गोण्डा। डीएम ने जनपद के समस्त सहायक विकास अधिकारी पंचायत का वेतन रोकने का आदेश जारी
डीएम ने किया साफ, अब लापरवाही सामने आई तो होगी कठोर कार्यवाही
दैनिक बुद्ध का संदेश
गोण्डा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने जनपद के सभी सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) के जुलाई माह के वेतन भुगतान पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। यह कार्यवाही ग्रामीण क्षेत्रों में संचारी रोग नियंत्रण एवं स्वच्छता अभियान के तहत संपादित कार्यों की मॉनिटरिंग में लापरवाही, सामुदायिक शौचालय बंद होने, आरआरसी केन्द्रों पर ताला लगे होने जैसी गंभीर शिकायतों को देखते हुए की गई है। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी एडीओ पंचायत इन अभियानों के अंतर्गत किए जा रहे निरीक्षण की दैनिक रिपोर्ट फोटोग्राफ के साथ उपलब्ध कराएं। साफ कर दिया है कि अभियान में अपने दायित्वों का प्रभावी ढंग से निर्वहन न करने वाले सहायक विकास अधिकारियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। इस कार्यवाही के माध्यम से जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने यह सुनिश्चित किया है कि स्वच्छता अभियान को पूरी तत्परता और सख्ती से लागू किया जाए ताकि जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य और स्वच्छता सुनिश्चित हो सके। शासन के निर्देशों के तहत जनपद में एक जुलाई से संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत स्वच्छता संबंधी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें झाड़ियों की सफाई, कूड़े-कचरे का उचित निस्तारण, जल जमाव वाले क्षेत्रों एवं नाला-नालियों से पानी की निकासी, वहां पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, और मच्छरों से बचाव के लिए फॉगिंग जैसी गतिविधियां शामिल हैं। विभागीय समीक्षा में यह स्पष्ट हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में उपरोक्त अभियानों की मॉनिटरिंग में सहायक विकास अधिकारियों द्वारा बरती जा रही लापरवाही एवं शिथिलता के कारण यह अभियान प्रभावी ढंग से क्रियान्वित नहीं हो रहा है। इसके अतिरिक्त सामुदायिक शौचालयों में ताला लटकते होने, आरआरसी केन्द्र बंद होने और सड़कों पर कूड़े का ढेर लगे होने जैसी शिकायतें भी सामने आ रही हैं। जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी और मुख्य कोषाधिकारी को पत्र लिखकर कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। संचारी रोग नियंत्रण अभियान की आवश्यकता पर बल देते हुए डीएम ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की कमी के कारण कई संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना रहता है। इसके रोकथाम के लिए झाड़ियों की सफाई, कूड़े-कचरे का निस्तारण, जल जमाव वाले क्षेत्रों की सफाई और फॉगिंग जैसी गतिविधियों का नियमित रूप से संपादन आवश्यक है। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए सख्त मॉनिटरिंग आवश्यक है। इसके लिए सहायक विकास अधिकारियों को प्रतिदिन अभियान की प्रगति रिपोर्ट फोटोग्राफ्स के साथ प्रस्तुत करनी होगी। डीएम ने यह भी कहा कि अब से कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि कोई सहायक विकास अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन ठीक से नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।