सोनभद्र: राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज कोल को जनजाति के दर्जे की मांग
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सोनभद्र। खेत मजदूर संगठनों के देशव्यापी आवाहन पर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) व मजदूर किसान मंच के बैनर तले सोमवार को घोरावल तहसील में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों कार्यकर्ता शरीक हुए। इस मौके पर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार सौंपा गया।
प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को प्रेषित ज्ञापन में प्रमुख तौर पर कोल को जनजाति का दर्जा देने, वनाधिकार कानून के तहत पट्टा देने, हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, मनरेगा में न्यूनतम 200 दिन काम और कम से कम केंद्र द्वारा कृषि मजदूरों के लिए निर्धारित मजदूरी के बराबर मजदूरी, मुकम्मल शिक्षा व स्वास्थ्य की व्यवस्था, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने, किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी, खेत मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा के लिए कानून, गरीबों को आवासीय जमीन, प्रस्तावित विद्युत संशोधन अधिनियम 2021 को रद्द करने जैसे मुद्दों को उठाया गया। इस मौके पर मौजूद आइपीएफ प्रदेश सांगठनिक महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि कोल को जनजाति का दर्जा न देना आदिवासी समाज के साथ अन्याय है। केंद्र की मोदी सरकार कोल को जनजाति का दर्जा देने को तैयार नहीं है जबकि अन्य राज्यों में कोल को जनजाति का दर्जा प्राप्त है। इससे वनाधिकार कानून के लाभ समेत आदिवासियों को मिलने वाले तमाम संवैधानिक अधिकारों से कोल समुदाय वंचित है। युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि आकांक्षी जनपद के बावजूद यहां हालात बदतर होते जा रहे हैं, स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं, रोजगार सृजन ठप्प है।
जिससे बड़े पैमाने पर युवा पलायन कर रहे हैं। आइपीएफ के तहसील प्रवक्ता श्रीकांत सिंह, मजदूर किसान मंच के संयोजक सदानंद कोल, युवा मंच के घोरावल अध्यक्ष सूरज कोल ने कहा कि सूखा होने के बावजूद सरकार ने इससे निपटने के लिए कुछ भी नहीं कर रही है। जिससे भुखमरी जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। बताया कि घोरावल क्षेत्र में मनरेगा में भी जरुरतमंदों को काम नहीं मिल रहा है, हद तो यह है कि मनरेगा में जो थोड़ा बहुत काम हो भी रहे हैं उसमें नियमविरुद्ध जेसीबी से काम करता जा रहा है। कार्यक्रम में आइपीएफ के तहसील प्रवक्ता श्रीकांत सिंह, मजदूर किसान मंच के संयोजक सदानंद कोल, युवा मंच के घोरावल अध्यक्ष सूरज कोल, सेवा लाल कोल, लक्ष्मण कोल, सोनिया, अनंत बैगा, विनोद बैगा, छोटे लाल कोल, सुरेश कोल, अमलेश कोल, रूपलाल कोल, कैलाश चौहान, तीरथ कोल, मुनिया कोल समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे। कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर महिलाओं की भी भागीदारी रही।
news by : अनामिका