सिद्धार्थनगर : शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुन भाव-विभोर हुये श्रोता
नौ दिवसीय श्रीराम कथा में कथावाचक है राष्ट्रीय संत मारुति नंदन जी महाराज
दैनिक बुद्ध का संदेश
शोहरतगढ़/सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ़ कस्बे के नीबी दोहनी में श्रीराम लला प्राण-प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा महायज्ञ में कथावाचक राष्ट्रीय संत मारुति नंदन जी महाराज ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रोता गण हुए भावविभोर। इस दौरान शिव-पार्वती विवाह की झांकी भी सजाई गई। कथा व्यास ने कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। कहा कि माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं।
एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया। कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बारात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए। लेकिन माता पार्वती ने खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लिया। विवाह प्रसंग के दौरान शिव-पार्वती की झांकी पर श्रद्धालुओं ने पुष्प बरसाए। आयोजक श्री राम मिलन त्रिपाठी ने बताया कि कथा में श्री राम जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जायेगा। जिसमे सुशीला त्रिपाठी, साधना त्रिपाठी, रोहिणी त्रिपाठी, चंद्रकांत पाठक, हिमांशु त्रिपाठी, शिवराम त्रिपाठी, विमल राय, शिवा त्रिपाठी व समस्त भक्तगण मौजूद रहे।