सिद्धार्थनगर : गोंड समुदाय, धुरियाँ समुदाय के लिए ऐतिहासिक पल- सांसद जगदंबिका पाल
दैनिक बुद्ध का सन्देश
सिद्धार्थनगर। भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदंबिका पाल ने शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निगम चुनावों में गोंड समुदाय के साथ साथ जनजातीय समुदाय को आरक्षण देने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा है कि भारत के दोनों सदनों से ैज् (फर्स्ट) संशोधन बिल को पारित कर दिया गया है जो कि गोंड समुदाय, पठारी समुदाय और धुरियाँ समुदाय के लिए ऐतिहासिक पल है। सांसद ने आगे कहा की चाहें महापुरुष कोमाराम भीम हो, संग्राम शाह हो या मोती रावण कंगाले हों, गोंड समुदाय के नेताओं के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। ये भारत के सबसे बड़े जनजातीय समूहों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज़ादी के अमृत महोत्सव में 15 छवअमउइमत को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निश्चय लिया है।
पूरे देश के हर राज्य में जनजातीय समूह के लोगों ने अपना योगदान दिया है। शुक्रवार को जिस तरह से हमारी सरकार ने 50 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल की स्थापना किया है, वह भी पूरे देश के एक-एक राज्यों के रहने वाले उन जनजाति लोगों के सम्मान और उनको देश की मुख्यधारा में लाने का काम है। शुक्रवार को जिस तरीके से चाहे वह मणिपुर के रानी ट्रेवल फ्रीडम मूवमेंट हो और समाज के लोग आज किस तरीके से मणिपुर के रानी एमपी ट्राईबल फ्रीडम मूवमेंट कि बात हो, हर जगह जनजातीय समुदाय का योगदान अतुलनीय है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के 13 जनपदों में गोंड समाज के लोगों को एसटी की श्रेणी में रखा गया। और अब इस विधेयक से जनपदों से अलग हुआ संत कबीर नगर, भदोही, चंदौली, कुशीनगर को एसटी ग्रुप में शामिल कर दिया गया है। उन्होने आगे कहा कि 2017 में उत्तर प्रदेश के नगर पालिकाओं में एसटी का आरक्षण था। परन्तु इस चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। इसलिए वो संसद में मांग करते है कि उत्तर प्रदेश के होने वाले इस नगर पंचायत,नगर पालिका, नगर महापालिकाओं के चुनाव में जो पहले इन जनजातीय लोगों के लिए आरक्षण का प्रावधान था उसको संविधान के अनुच्छेद 243 में अधिकार के तहत उसको लागू किया जाए।