अधिवक्ताओं और वकीलों के बीच हुए विवाद ने लिया गंभीर रूप; तहसील में नहीं हो रहा एक महीने से कोई कार्य
चारों तरफ तहसील परिसर में पसरा सन्नाटा
दैनिक बुद्ध का सन्देश
पयागपुर/बहराइच | लगभग एक माह पूर्व शनिवार को समाधान दिवस के दौरान वाहन खड़ा करने को लेकर अधिवक्ता पुत्र और लेखपालों के बीच हुआ विवाद तूल पकड़े हुए है। कार्यवाही की मांग को लेकर अधिवक्ताओं द्वारा घोषित कार्य बहिष्कार एक माह से जारी रहने से तहसील में सन्नाटा पसरा हुआ है | मालूम हो कि बीते शनिवार को तहसील परिसर में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समाधान दिवस का आयोजन चल रहा था ; वहीं दूसरी ओर लेखपाल संघ का अपनी मांगों के संबंध में धरना प्रदर्शन कर रहा था। इसी बीच अधिवक्ता पुत्र उमा शंकर मिश्रा के पुत्र शुभम मिश्रा और लेखपालों के मध्य वाहन खड़ा करने को लेकर विवाद और मारपीट हो गया। घटना की सूचना मिलते ही अधिवक्ता आक्रोशित हो उठे। अधिवक्ताओं ने दोषी लेखपालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने और निलंबन की मांग करने लगे ; बीच बचाव के बावजूद बात नहीं बनी। प्रकरण जिला अधिवक्ता संघ तक गया ; जिसमें कार्यवाही नहीं होने तक एस डी एम ,तहसील दार कोर्ट के बहिष्कार का निर्णय गया। वकीलों और लेखपालों के मध्य चल रहे विवाद का हल अभी तक नहीं हो पाया है | जिलाधिकारी के निर्देश पर दो अधिवक्ता प्रतिनिधि तहसीलदार और थानाध्यक्ष की समिति बनाकर जांच का आदेश दिया गया। जिसका अभी तक फैसला न होने से दूर दराज से आने वाले वादकारी परेशान हो रहे हैं एवं साथ ही राजस्व की भारी क्षति पहुंच रही है | इस संबंध में अधिवक्ता अरुणेंद्र मणि त्रिपाठी,विजय त्रिपाठी शिव राम शुक्ल ,पीयूष विश्वकर्मा आदि के द्वारा शासन पर प्रकरण को लटकाने का आरोप लगाया जा रहा है। अब देखना है कि चल रहे विवाद का पटाक्षेप कब तक हो सकेगा |