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अम्बेडकरनगर : बिना रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले चल रहे कोचिग सेंटर

दैनिक बुद्ध का सन्देश
अम्बेडकरनगर। तमाम प्रयासों के बाद भी कोचिग सेंटरों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। नगर समेत कस्बा बाजार में दर्जनों कोचिग बगैर रजिस्ट्रेशन के संचालित हैं। विभागीय उदासीनता के चलते बच्चों सहित अभिभावकों को कठिनाई से गुजरना पड़ रहा है।शासन ने बिना रजिस्ट्रेशन के कोचिग सेंटरों के संचालन पर रोक लगा रखा है। बावजूद इसके विभागीय कार्रवाई करने के नाम पर कोरमपूर्ति की गई। जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। विभिन्न स्कूल-कालेजों में शिक्षण कार्य करने वाले अध्यापक कोचिग संस्था खोल रखे हैं। छात्रों का कहना है कि शिक्षक कोचिग संस्था में पढ़ने के लिए बाध्य करते हैं। आरोप है कि पढ़ाई नहीं करने की दशा में प्रायोगिक, अर्धवार्षिक सहित वार्षिक परीक्षा में फेल कर दिए जाने की धमकी दी जाती है। इसके चलते छात्र कोचिग में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। कोचिग खोले शिक्षकों द्वारा विद्यालय की पढ़ाई में लापरवाही बरती जाती है। शहर की गली-मोहल्लों में कई अवैध कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे है, कोई फर्राटेदार इंग्लिश सिखाने का दावा करता है, तो कोई आईएएस,आईपीएस क्वालीफाई कराने का।

हालत यह है कि इन संस्थाओं द्वारा सभी प्रकार के कॉम्पटीशन क्वालीफ फाई कराने के दावे किए जाते हैं। हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की परीक्षा की तैयारी और कॉम्पटीशन कराने वाले कोचिंग की शहर में भरमार सी हो गई है। लेकिन इन कोचिंग संचालकों के खिलाफ जिला प्रशासन अलर्ट नहीं है। शहर के रिहायशी क्षेत्रों में अधिकांश अवैध रूप से चल रहे कोचिंग सेंटर आम लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। नगर के कुछ कोचिंग सेंटरों को छोड़ दे , तो किसी का भी पंजीयन नही है और न ही इन्हें खोलने के लिए कोई स्थान सुनिश्चित किया गया है।कोचिंग सेंटर संचालकों द्वारा फीस तो मनमुताबिक ली जाती है। लेकिन इन सेंटरों में छात्र-छात्राओं द्वारा सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नसीब नहीं होता है। इन सेंटरों में न तो छात्राओं और न ही छात्रों के लिए टॉयलेट की कोई सुविधा होती है । इस संदर्भ में जिले के डीआईओएस से वार्ता करने का प्रयास किया गया परंतु फोन नॉट रीचेबल बताता रहा।

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