शोहरतगढ़ : शोहरतगढ़ के लेखपालों ने दी आन्दोलन की चेतावनी
शोहरतगढ़ तहसीलदार पर लेखपालों ने लगाया अभद्र भाषा समेत तानाशाही का
दैनिक बुद्ध का सन्देश
शोहरतगढ़,सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ तहसील इकाई शोहरतगढ़ के बैनर तले संगठन अध्यक्ष आशीष संगम की अध्यक्षता में शोहरतगढ़ के लेखपालों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर आपातकालीन एक बैठक बुलाई गयी, जिसमें उन्होंने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर उपजिलाधिकारी को पत्र सौंपा है।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे संगठन मंत्री कमलेश गुप्ता ने कहा कि शासन द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण हेतु प्रतिमाह होने वाली बैठक नही करायी जा रही, जिससे लेखपाल साथी अपनी समस्याओं को उच्च अधिकारियों के समक्ष नही रख पाते है। प्रस्ताव पर गौर करें तो तहसील प्रशासन को यह प्रस्ताव चिंता में डालने वाली है, क्योंकि लेखपालों द्वारा जो आरोप तहसीलदार समेत अन्य लोगों पर लगायें जा रहे है, जांचोपरांत कार्यवाही होना तय है। क्योंकि सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस की नीति भ्रष्टाचार पर चाबुक का काम करती है। विदित हो कि लेखपालो ने प्रस्ताव पत्र में उन्होंने लिखा कि लेखपाल साथियों के एसीपी का नही लगाया गया और पूर्व में उपजिलाधिकारी, तहसीलदार व राजस्व महोदय के लिखित आश्वासन के बाद भी कार्यवाही नही किया गया, साथ ही स्वामित्व योजना के तहत घरौनी के कार्य मे अन्य विभाग द्वारा कोई सहयोग नही किया जाना, उन्होंने प्रस्ताव पत्र में यह भी लिखा कि शोहरतगढ़ तहसीलदार द्वारा लेखपालों के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग व तानाशाही रवैया अपनाया जाता है। यदि तहसीलदार द्वारा अपनी भाषा शैली में सुधार नही किया जा रहा है तो उन्हें तहसीलदार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव करना पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि दिए कानून के मुताबिक खतौनियों में त्रुटियों को राजस्व निरीक्षक के स्तर से निस्तारण किया जाय, अनावश्यक रूप से पत्रावली को उच्च अधिकारियों के पास न भेजा जाए, का मुद्दा रखा। पत्र में उन्होंने यह भी लिखा कि ष्उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी किए गए शासनादेश में या स्पष्ट प्रावधान है कि जिन काश्तकारों/किसानों का असंक्रमणीय पट्टा आवंटन 5 वर्ष पूर्ण होने पर भूमिधर घोषित करने का आदेश है, तहसील शोहरतगढ़ के सभी लेखपालों द्वारा विगत 2 वर्षों में खाता धारकों का संक्रमणीय भूमि दर्ज करने हेतु पत्रावली उप जिलाधिकारी महोदय के न्यायालय में अकारण लंबित किया गया है, जिसमें धनादोहन की अपेक्षा के कारण पत्रावली लंबित रखा गया है। उन्होंने व्यंग लिखते हुए कहा कि लेखपाल यदि रिपोर्ट नहीं देते तो संभवत अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार आदि कार्रवाई कर दी गई होती। प्रस्ताव में उल्लखित 9 सूत्रीय मांगो में उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि यदि 7 दिवस के अंदर प्रस्ताव का निस्तारण नही किया जाता है तो, लेखपाल संगठन आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उक्त के सन्दर्भ में उपजिलाधिकारी शोहरतगढ़ प्रदीप कुमार यादव ने कहा कि घर का मामला है, मिलकर निपटा लेंगे, आन्दोलन जैसी बात सामने नही आएगी। इन दौरान संगठन अध्यक्ष आशीष संगम, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संतोष यादव, कनिष्ठ उपाध्यक्ष जिज्ञासा पाण्डेय, उपमंत्री कमलेश गुप्ता, संप्रेक्षक अनिरुद्ध चौधरी समेत लेखपाल रामकुमार तिवारी, धर्मेंद्र कुमार यादव, सुनील सिंह, परविंदर, राजू, रामजतन, पंचम पटेल, शिवकुमार, नज़ीर अहमद, मुस्ताक आदि मौजूद रहे।