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सिद्धार्थनगर : खुरपका मुंहपका रोग का टीकाकरण अभियान 15 जुलाई 2024 से प्रारंभ

दैनिक बुद्ध का संदेश
सिद्धार्थनगर। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण योजना अंतर्गत चतुर्थ चरण खुरपका मुंहपका रोग का टीकाकरण अभियान 15 जुलाई 2024 से प्रारंभ किया जा रहा है जो अनवरत 45 दिन तक 28 अगस्त 2024 तक चलाया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत जनपद के 280016 गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं को खुरपका मुंहपका रोग के टीके से आच्छादित किया जाएगा। निदेशालय पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा जनपद सिद्धार्थनगर को 253000 डोज जनपद सिद्धार्थनगर को आवंटित किया गया है। जिसको जनपद के सभी विकास करो को लक्ष्य के अनुसार वितरण किया जा चुका है तथा प्रत्येक विकासखंड में उपमुख्य। पशु चिकित्सा अधिकारी/ पशु चिकित्सा अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित कर टीम का गठन भी कर दिया गया है। एक टीम में चार सदस्यों को रखा गया है। यह टीम सर्वप्रथम जनपद के सभी बाढ़ प्रभावित गांवों में टीकाकरण कार्य करेगी तदोपरांत शेष बचे ग्रामों में टीकाकरण कार्य रोस्टर के अनुसार किया जाएगा। जनपद के सभी नोडल अधिकारियों एवं उनके साथ लगे टीमों में कर्मचारियों को सभी पशुओं को 2 उस डीप इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन लगाने के लिए निर्देशित किया गया है।

अभियान की शुरुआत करते हुए उक्त बातें जिलाधिकारी डॉ राजा गणपति आर ने कही। जिलाधिकारी महोदय ने हरी झंडी दिखाकर वाहन सहित टीम को रवाना किया। अभियान कों सम्बोधित करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ जीवन लाल ने बताया कि खुरपका मुंहपका रोग एक विषाणु जनित संक्रामक रोग है जो मुख्य रूप से गाय, भैंस, भेड़,बकरी और सूअर जैसे पालतू पशुओं को प्रभावित करता है। यह रोग पशुओं के स्वास्थ्य एवं उत्पादकता पर गहरा प्रभाव डालता है जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। खुर पका मुंह पका रोग के लक्षण प्रारंभिक चरण में पशुओं को बुखार आना तथा बाद मे पशुओं के मुंह, जीभ,मसूड़े,थन एवं खुरों पर छाले व फफोले बन जाते हैं तथा मुंह में छाले पड़ने से पशुओं को लार अधिक टपकने लगती है, पशु लंगड़ाने भी लगता है और पशु खाना पीना छोड़ देता है। पशुओं से इस रोग के रोकथाम एवं नियंत्रण के उपाय नियमित टीकाकरण कराना है। तथा इस रोग से संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना चाहिए। इस रोग से बचाव हेतु विभाग द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। इस अवसर पर उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ राजबहादुर यादव,डॉ ऋषिकेश दर्शन,डॉ छेदा लाल वर्मा, पशु चिकित्सा अधिकारी,डॉ विजय वर्मा,डॉ प्रदीप कुमार,डॉ अनिमेष मिश्रा,पशुधन प्रसार अधिकारी अरुण कुमार प्रजापति,रमेश चंद्र,देवेंद्र कुमार सहित टीम के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

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