सिद्धार्थनगर : फसल बचाने को लेकर रात्रि जागरण करने को मजबूर हैं किसान
दैनिक बुद्ध का सन्देश
कपिलवस्तु,सिद्धार्थनगर। बर्डपुर ब्लाक के बर्डपुर नंबर एक अलीगढवा क्षेत्र के ग्रामवासी अपनी फशल को लेकर रात्रि जगा करने पर मजबूर है। सैकडो गाय रात्रि होते ही खेतों मे पहुुंच जाती है। फ़शलो को चर जाती हैं। दिन मे कस्बा मे घूमती है, सड़क पर चलने वाले वाहनो से टकरा जाती है। कई घायल तो कुछ की मृत्यु भी हो जाती है। पोखर्भिटवा निवासी मोहम्मद् मुस्तकीम ने 1076 पर फोन कर फशल की नुक्सान कर रहे पशुओं की सूचना दी।
जिसके बाद ब्लाक बर्डपुर के खंड विकास अधिकारी को आवारा पशुओं को विशुनपुरवा गौशाला मे ले जाने की बात कही गयी। लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ। केवल ब्लाक द्वारा सूचना दे दिया गया कि, आवारा पशुओं को गौशाला भेज दिया गया। पशु सड़क पर घूम रही हैं। सहायक खंड विकास अधिकारी ने सफाई कर्मी को ग्रामीणों के साथ लगा बर्डपुर नंबर तीन के अमान गंज गौशाला मे ले जा रहे थे, कि वहा के ग्रामीण ने लोगो को बंधक बना लिए और वापस गायों को अपने साथ ले जाने की बात कह कर मुक्त किया। ऐसे मे गांव ठकुरापुर, अलीगढवा, सलारगढ़, पिपरहवा, बनकटवा, गुलाबगढ़, अटकोनिया के किसान सैयद अली, इश्तियाक अहमद, गुडू, मोहम्मद् अयूब, निसार, राम निवास, आर्यन, जगमोहन, अजय, अज़ीज़ुद्दीन, बसीरुल्ला अब्दुल्ला मुंशी सहित ग्रामीण गायों को गौशाला ले जाने की मांग अधिकारियों से किया है। एडीओ पंचायत के निर्देश पर सफाई कर्मी और ग्रामीण आवरा पशुओं को लेकर अमानगंज गौशाला ले जाया गया तो वहा के ग्रामीण सभी लोगो के साथ गाली गलौज, अभद्रता किया गया। जिस पर विभाग कोई संज्ञान नही लिया। किसान अब्दुल हई अलीगढवा विभाग अवारा पशुओं को गौशाला पहुचाये, किसान की फशल मे अनाज का साचा पड़ रहा है। ऐसे मे गायों द्वारा चरे जाने पर फ़शल मे पुनः दाने नही पड़ेंगे। चंद्रभान अलीगढवा सात गांव के लोग रात भर जाग कर अपनी फशल को आवारा पशुओं से बचाने मे लगे है। जिससे उनकी तबीयत विगड जा रहे है। विषैले सापों का खतरा बना रहता है। किसान अब्दुल रशीद सलारगढ़ कपिलवस्तु बुद्ध की धरा कपिलवस्तु पर्यटकीय दृष्टि कोड से प्रसिद्ध है। टूरिस्ट आये दिन स्तूप पूजन पर आते रहते है। ऐसे मे सड़क पर आवारा पशुओं के होने से दुर्घटनाएं होती रहती है। जब कि सरकार प्रति गौ की सेवा के लिए पचास रुपये देने की घोषणा कर रखी है। विभाग इसके नाम पर धनारोहण कर रहा है। पशुओं को जल्द गौशाला ले जाया जाय। जिससे किसान परेसानी से बचा सके।