इटियाथोक : ग्रामीणों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनी पानी की टंकी महज शोपीस
ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर संचालित करने की उठाई मांग
दैनिक बुद्ध का संदेश
इटियाथोक/गोंडा। एक तरफ सरकार ग्रामीणों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य ग्राम पंचायतों में विश्व बैंक की सहायता से पानी की टंकी का निर्माण कराया गया है। लेकिन यह पानी की टंकियां अब महज शोपीस बनकर रह गई है।
जिसकी एक बानगी इटियाथोक विकासखंड के ग्राम पंचायत विहार व पूरे हाड़ा के बॉर्डर पर बनी पानी की टंकी इसका साफ सुथरा उदाहरण है। जहां 2015 में विश्व बैंक की सहायता से ग्रामीणों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पानी की टंकी बनाई गई थी महज कुछ दिन संचालन होने के बाद इसके संचालन पर रोक लग गई ग्रामीणों ने लाख शिकायतें की लेकिन स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के कारण इस पानी की टंकी का संचालन नहीं हो पाया आपको बता दें कि ग्राम पंचायतों में जल की गुणवत्ता ठीक नहीं थी जिसका सर्वे करने के उपरांत पानी की टंकी लगाई गई थी लेकिन पानी की टंकी का संचालन न होने से पूरे हाड़ा व विहुरी ग्राम पंचायतों के लोग गंदे जल पीने के लिए मजबूर हैं एक तरफ सरकार ग्रामीणों को स्वच्छ जल पीने की व्यवस्था करा रही है, वहीं स्थानीय प्रशासन की उदासीनता से यह योजना धरा शाही हो गई है। इस बारे में पूर्व प्रधान जनार्दन पांडे, अनूप कुमार पांडे, वेद प्रकाश द्विवेदी,सुग्गु लाल पांडे, प्रेम प्रकाश त्रिपाठी , शिव राम त्रिपाठी सहित कई ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर पानी की टंकी संचालन की मांग की ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत कई बार की जा चुकी है लेकिन विकास खंड जिले स्तर के अधिकारी टंकी के संचालन में रुचि नहीं ले रहे हैं। जिसके कारण इसका संचालन नहीं हो पा रहा है धीरे-धीरे यह खंडहर का रूप लेती जा रही है और ग्रामीण गंदे जल पीने के लिए मजबूर है सरकार की जो भी योजनाएं चलाई जा रही है स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के कारण उन योजनाओं की उड़ाई जा रही है और लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है ऐसे में सरकार इन योजनाओं को संचालित करने के लिए क्या कड़े कदम उठाए गए तो आने वाला समय तय करेगा।