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बस्ती : डा. वी.के. वर्मा को ‘काव्य शिल्पी’ सम्मान, योगदान पर विमर्श

दैनिक बुद्ध का संदेश
बस्ती। कला भारती साहित्य संस्थान की ओर से वरिष्ठ चिकित्सक एवं साहित्यकार डा. वीके वर्मा के योगदान को देखते हुए उन्हें ‘काव्य शिल्पी’ सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रेस क्लब सभागार में साहित्यकारों ने उनका अभिनंदन किया। डॉ. वर्मा अब तक 8 पुस्तकें लिख चुके हैं। हाल ही में उनकी कोरोना पर केंद्रित काव्य संग्रह ‘कोविड-19’ चर्चा में है। संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कहा कि डा. वीके वर्मा अपने साहित्यिक सरोकार और जिम्मेदारियों को बखूबी समझते हैं। वे शब्दों की साधना के साथ ही मरीजों की सेवा में तत्पर रहते हैं। डॉ. वर्मा एक साथ कई विधाओं में खरे उतरते हैं। कहा कि डा. वी.के. वर्मा ने पिछले चार दशक में लगभग 70 लाख मरीजों का उपचार किया जो एक रेकार्ड है।

यही नहीं कोरोना काल में जब कई चिकित्सक अपने घरों में दुबक गये थे उस समय भी डा. वी.के. वर्मा मानव सेवा के अपने लक्ष्य से डिगे नहीं और इसी काल में कोरोना-19 काव्य संग्रह की रचना किया। यह उनके जीजिविषा और सृजन का ही परिणाम है कि डा. वर्मा अब देश भर में अपरिचित नहीं हैं। पं. चंद्रबली मिश्र, बीके मिश्र ने कहा कि डा. वी.के. वर्मा चिकित्सक के साथ गद्य और पद्य में अनुकरण बनकर उभरे हैं। कार्यक्रम में डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि वे ग्रामीण परिवेश से आते हैं और गांव के मिट्टी की चुनौतियां उन्हें निरन्तर रचनात्मक सृजन का साहस देती है। तथागत पर केन्द्रित उनका खण्ड काव्य शीघ्र ही पाठकों तक पहुंचेगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से अनवार पारसा, राकेश तिवारी, कपीश मिश्र, बजरंगी शुक्ल, सर्वेश कुमार श्रीवास्तव, सामईन फारूकी के साथ ही अनेक साहित्यकार, सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोग उपस्थित रहे।

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