शाश्वत राम तिवारी
कुशीनगर। जिले के कप्तानगंज दी कनौरिया शुगर एण्ड जनरल मैन्युफैक्चरिग कम्पनी प्रा0 लि0 द्धारा उत्सर्जित राख से कप्तानगंज नगर समेत आस-पास के ग्राम सभाओं के हजारों लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। आम जनमानस इस समस्या से पूरी तरह त्रस्त है लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधी या प्रशासन के लोग मिल के प्रभाव के आगे बौना साबित हो रहे है। राख से आंखो को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है राख घरो के छतो पर इक्ठठा हो जा रहा है
धूप में सूखने के लिए रखे कपडे गन्दे हो जा रहे है जिससे गृहणियों को काफी दिक्कते हो रही है। चूकि यह राख कई किलोमीटर के दायरे में गिरता है जिससे फसले भी प्रभावित हो रही है। मिल के विश्वसनिय सुत्रो की बात माने तो मिल ने प्रदुषण नियंत्रक यंत्र लगवा रखा है जो सिर्फ हाथी के दांत की तरह दिखाने के लिए है। सम्बंधित विभाग को मोटा रकम देकर उनका मूंह बंद करा दिया गया है।बतादे कि कप्तानगंज चीनी मिल प्रशासन के रवैये से आम जनता त्रस्त हो चुकी है। चीनी मिल से निकल रही जहरीली रसायन से लोगो का जीवन प्रभावित हो रहा है। उक्त चीनी मिल के आस-पास रहने वाले लोगो व दुकानादारो का कहना है कि चीनी मिल से निकल रही जहरीली राख दुकानों में चली जा रही है जिससे दुकान में रखा सामान गन्दा हो जा रहा है और उसका बिकना मुसकिल हो जाता है साथ ही राख से आंखे सीधे प्रभावित हो रही है।चिकित्सको की बात माने तो उन लोगो का कहना है कि यह राख आसू से नही गलती है और नही निकलने के दशा मे अगर कार्निया को खरोच लग गया तो आंखो कि रोशनी जा सकती है यह दमा के मरिजो के लिए काफी खतरनाक है श्वास नली में फंस गइ तो परेशानी का सबब बन सकती है। इस बाबत जब शुगर मिल के डी.जी.एम. विनोद श्रीवास्तव से जानकारी लेनी चाही तो उनसे बात नहीं हो सकी। वहीं मिल के उपाध्यक्ष एस.के. श्रीवास्तव का मोबाइल स्वीच ऑफ बता रहा था।
नगर पंचायत पहले ही दे चूका था अल्टीमेटम
नगर पंचायत ने मिल चलने के बाद एक नोटिस 27 नवम्बर को भी दिया था कि राख पर अंकुश लगाया जाय, लेकिन मिल आज तक इस पर ध्यान नहीं दिया।वहीं रेलवे सुरक्षा बल के प्रभारी मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि मैं 2 वर्षों से यहां पोस्ट हूं ,इस मिल के राख से मेरे जवान परेशान हैं। जहाँ मेरे क्वाटर में राखों की ढेर है तो वहीं खान पान की वस्तुएं प्रदूषित हो रहीं हैं। मेरा एक जवान परमात्मा साहनी के आँखों में राख पड़ जाने से वह 3 दिन इलाज करवाया। वे इसके विरूद्ध जिला प्रशासन को पत्र लिखने वाले हैं। तो वहीं रेलवे पी.डब्लू. आई. निर्मल कुमार ने व रेलवे हॉस्पिटल के फार्मासिस्ट शिवनाथ ने भी प्रशासन को इसके खिलाफ पत्र लिखा है।