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सोहास बाजार : ग्राम पंचायत महदेवा खुर्द में पात्र व्यक्तियों को नहीं मिल पाया आवास,झुग्गी झोपड़ी में रहने को हैं मजबूर

कर्सर............... ग्राम प्रधान एंव सिकरेट्री आश्वासन पर गिरा दिया मकान,आवास मिला भी नहीं

राजेश शर्मा/दैनिक बुद्ध का सन्देश
सोहास बाजार। सदर विकास खण्ड नौगढ़ के अंर्तगत ग्राम पंचायत महदेवा खुर्द में लोग अभी भी झुग्गी झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं।जहाँ केंद्र और प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को आवास मुहैया कराने के लिए कटिबद्ध है। वहीं गवहीँ राजनीति के चलते बहुत से पात्र व्यक्तियों को आवास नहीं दिया गया है। जिससे लोग विकास के इस दौर में अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। जिम्मेदारों की निगाह ऐसे व्यक्तियों पर नहीं पड़ रही है। आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत परिवार हैं। जिन्हें अभी भी छत नशीब नहीं हुआ। ग्राम पंचायत महदेवा खुर्द के कई व्यक्तियों के पास रहने के लिए आवास उपलब्ध नहीं है।

और कमाई का कोई ऐसा जरिया नहीं है जिससे लोग आवास बना के रह सकें।ग्राम पंचायत के टोला ककोरी निवासी सुनीता पत्नी सुरेंद्र कुमार और सुनीता पत्नी जोगेंद्र कुमार के पास रहने के लिए आवास नहीं है। मजदूरी ही एक सहारा है। लोग फूस के मकान के ऊपर पन्नी लगा कर जीवन कट रहे हैं। इन्होंने बताया कि आवास के लिए कई बार ग्राम प्रधान, सिकरेट्री व अन्य लोगों से कहा गया लेकिन किसी ने नहीं सुना। मजबूर होकर निवास इसी फूस के मकान में रहना पड़ रहा है। महदेवा खुर्द निवासी हरिश्चंद्र गौतम पुत्र राम अधारे को अभी भी सीमेंट के चद्दर के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। इन्होंने कहा कि कई बार जरूरी कागजात ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को दिया गया। लेकिन वादा के अलावा आवास नहीं मिला। टोला जमडी निवासी सावित्री गौतम पत्नी महंत का बहुत पुराना पक्का मकान था जो जीर्ण शीर्ण अवस्था में हो गया था।जगह जगह मकान गिर रहा था। उक्त व्यक्ति ने दो वर्ष पूर्व आवास के लिए आवेदन किया तो ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ने कहा कि मकान गिरा दो तुम्हारा आवास आ गया है।उक्त व्यक्ति ने आश्वासन पर मकान गिरा दिया। आवास मिला भी नहीं। बहुत शोर शराबा मचाने पर सिकरेट्री ने सीमेंट का चद्दर दिया।तब से अब तक पूरा परिवार उसी में दिन काट रहा है। आवास अभी तक नहीं मिला। इसी टोले के निवासी विन्द्रावती पत्नी राजमन गौतम का भी फूस के मकान में परिवार सहित रह रहे हैं। आभी तक आवास नहीं मिल पाया है। राधेश्याम पुत्र गनपत और इंद्रजीत लालमन को फूस के मकान में रहने को मजबूर हैं। क्योंकि उक्त लोगों की माली हालात बहुत ख़राब होने के वजह से पक्का मकान नहीं बनवा पाए।उक्त लोगों को गवई राजनीति के चलते कोपभाजन का शिकार होना पड़ रहा हैं। जबकि केंद्र और प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को आवास मुहैया कराने के लिए कटिबद्ध है। वहीं गवहीँ राजनीति के चलते बहुत से पात्र व्यक्तियों को आवास नहीं दिया गया है।जिससे लोग विकास के इस दौर में अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। जिम्मेदारों की निगाह ऐसे व्यक्तियों पर नहीं पड़ रही है। जहाँ आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत परिवार हैं। जिन्हें अभी भी छत नशीब नहीं हुआ। लोग अभी भी झुग्गी झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं।

 

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