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उगते सूर्य की उपासना के साथ हुआ छठ पर्व का समापन, सोनभद्र
उगते सूर्य की उपासना के साथ हुआ छठ पर्व का समापन,, आस्था और विश्वास के महापर्व छठ का आज चौथा दिन है और ब्रती महिलाएं घाटों पर शाम अस्त होते सूर्य को अर्घ देने के पश्चात पूरी रात भक्ति भाव में डूबी हुई छठ मां के गीत को गाते हुए पूरी रात दीप प्रज्वलित कर रुकी रही और अब सुबह घंटो पानी मे रहते हुए सूर्य भगवान के उगते ही उनको अर्घ देकर अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना की।। सोनांचल में छठ महापर्व धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है, यह ब्रत बहुत ही कठिन ब्रत है जब ब्रती दिन- रात निर्जला ब्रत रहकर पूजन करती हैं। छठ पूजा में सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना का खास महत्व माना जाता है। छठ पूजा के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है, जिसका बहुत ही महत्व है और सुबह व्रती जल में घण्टो खड़ी रहकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व के व्रत को पूर्ण करती है। छठ महापर्व के अवसर पर नदी, नहर, सरोवर तटों पर मेले जैसा माहौल रहा। व्रती महिलाओं ने घंटो जल में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य देकर नमन किया। घाटों पर ही बनी बेदी पर विधि-विधान से पूजन कर छठ मैया को मिठाई, फल, फूल, तथा घरों पर पूरी शुद्धता से तैयार किए गए ठेकुआ आदि को प्रसाद के रूप में चढ़ाया।सभी ओर छठी माता के पारंपरिक गीतों से पूरा माहौल गूंजता रहा करमा ब्लाक अन्तर्गत मदैनिया तालाब,करमा तालाब,करकोली,सिरविट,धौरहरा सिरसिया जेठी सिरसिया ठकुराई आदि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया पर्व सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस चक्रमण करती रही।
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