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ये बैल ही हम गरीबों के सहारे है, कुछ जगहों पर आज भी होती है हल व बैल से खेती, सोनभद्र
ये बैल ही हम गरीबों के सहारे है, कुछ जगहों पर आज भी होती है हल व बैल से खेती , दो बैलों की जोड़ी पीछे किसान चित्र कितना सुन्दर है बचपन की याद ताजा कर जाता है लगभग सबके पास हल व बैल होते थे उन्ही के सहारे खेती होती थी यह फोटो ,आज अमराभगवती धाम माता रानी का दर्शन के लिए जाते समय लिया गया जो जिला चन्दौली में है किसान को देखकर मन में जिज्ञासा बनी की वार्ता करू नजदीक गया वार्ता की तो किसान ने अपना नाम हीरालाल बियार पुत्र लाल जी बियार निवासी देवदत्त पुर तहसील चकिया ने बताया कि हम गरीबों के ये बैल ही सहारा है उन्होंने बताया कि अभी इस क्षेत्र में बहुत से लोग हल से खेती करते हैं धान की रोपाई नही हुई थी अब सरसों तिसी की बुवाई की जायेगी नही समझ में आया मजबुरी या गरीबी?
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