सिद्धार्थनगर: पत्रकारिता ही अनैतिक कार्यों की ओर जनता का ध्यान आकृष्ट कराती है
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दैनिक बुद्ध का संदेश
सिद्धार्थनगर। बुद्ध विद्यापीठ महाविद्यालय सिद्धार्थनगर तथा 3. प्र० हिन्दी संस्थान, लखनऊ के संयुक्त तत्त्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के द्वितीय दिवस पर तृतीय एवं चतुर्थ तकनीकी सत्र में हिन्दी पत्रकारिता एवं जनजागरण विषय पर विभिन्न वक्ताओ, शोधार्थियों एवं आभासी माध्यम से जुड़े विद्वानों, विदुषियों ने अपने विचार प्रकट किया। शोध छात्रा निधि मिश्रा ने कहा
कि पत्रकारिता ही अनैतिक कार्यों की ओर सामान्य जनता का ध्यान आकृष्ट कराती है। शिक्षक नसरुल मुस्तफा ने पत्रकारिता का मूल उद्देश्य जनता के विचारों को समझकर समाज के उपरी स्तर तक पहुंचाने का है। डॉ. नीलम सिंह ने पत्रकारिता के इतिहास पर विस्तृत प्रकाश डाला। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय से आयी डॉ. रेनू त्रिपाठी ने कहा कि समाज का जो उत्कृष्ट रूप है तथा जो विकृत रूप है- दोनों को प्रकट करने का काम पत्रकारिता का होना चाहिए। डॉ. महेन्द्र प्रकाश ने कहा कि जनता के विचारों को जनता तक पहुँचाना पत्रकारिता के माध्यम से ही संभव है।कोलकाता से आभासी माध्यम से शामिल शोध छात्रा लिलि शाह ने कहा कि नव जागृति, राष्ट्रीय भावना, सामाजिक सुधार, तथा सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करना वास्तविक पत्रकारिता है। डॉ. बलजीत श्रीवास्तव ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र की आत्मा होती है। डॉ. अतुल चन्द ने अपने वक्तव्य में कहा कि पत्रकारिता विज्ञान की तरह होना चाहिए, जहाँ तथ्यों का सत्यापन होना चाहिए। डॉ. शक्ति जायसवाल ने पत्रकारिता की वर्तमान समस्याओं पर विस्तृत प्रकाश डाला। समापन सत्र में बोलते हुए श्री प्रदीप सुविज्ञ ने पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए उसे अर्धसत्य से बचने की सलाह दी, जिससे उसकी साख बनी रहें। हिन्दी संस्थान की प्रो. अमिता दूबे ने कार्यक्रम की सफलता के लिए महाविद्यालय परिवार को शुभकामनाएँ एवं बधाई दी। मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, गोरखपुर डॉ. अश्विनी कुमार मिश्रा ने पुरानी पत्रकारिता पर विस्तृत प्रकाश डालते कहा कि हुए आज की पत्रकारिता को उनसे सीख लेते हुए अपनी विश्वसनीयता के लिए प्रतिबद्ध होने का काम करना चाहिए। अन्त में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अमय श्रीवास्तव ने सभी आगन्तुक अतिथियों का सम्मानपूर्वक आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का सफल संचालन में डॉ. रत्नाकर पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षकगण, समस्त कर्मचारीगण शोधार्थी छात्र-छात्राएँ तथा अन्य विद्जन उपस्थित रहें।